देश में कोरोना के सबसे खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने लोगों को लाइट शो देखने के लिए आमंत्रित किया। उनके निमंत्रण पर मुंबई के लाखों लोग धारा 144 को धत्ता बताते हुए सड़कों पर निकल लाए और कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियाँ उड़ाईं।
आदित्य ठाकरे ने लाइट शो में लोगों को जुटने की अपील कर ना सिर्फ कोरोना प्रोटोकॉल और बीएमसी के आदेश को ठेंगा दिखाया, बल्कि अपनी ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को भी धत्ता बता दिया। पर्यटन मंत्री के कहने पर लाखों लोग मुंबई के बांद्रा रिक्लेमेशन में वंडरलैंड गार्डन में लाइट शो देखने पहुँच गए। इस कारण इलाके की सड़कों पर भयानक जाम लग गया।
बता दें कि महाराष्ट्र देश के सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों वाला राज्य है। यहाँ देश में ओमिक्रोन के सबसे अधिक मामले हैं। 24 दिसंबर 2021 तक राज्य में ओमिक्रोन के 108 मरीज थे, जो देश के किसी भी राज्य में सबसे अधिक हैं।
कोरोना की भयावह होती जा रही स्थिति को नियंत्रित करने और डेल्टा वैरिएंट से शुरू हुई दूसरी लहर में महाराष्ट्र की बिगड़ी स्थिति को देखते हुए बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) ने दो दिन पहले ही मुंबई में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया था। इसके तहत शाम 9 बजे से सुबह 6 बजे तक धारा 144 लगाने की घोषणा की गई थी।
बीएमसी के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने कोरोना गाइडलाइन को जारी करते हुए आदेश में कहा था कि अगर कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
25 दिसंबर की आधी रात से जारी की गई इस गाइडलाइन से पहले महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी किया था। इस गाइडलाइन के तहत रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक सार्वजनिक स्थानों पर एक साथ 5 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकते। इसके अलावा, जिम, स्पा, थिएटर, होटल, सिनेमा हॉल जैसी जगहों के लिए 50% क्षमता करने की घोषणा कर गई थी।
मराठी अखबार महाराष्ट्र टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कोरोना की स्थिति को देेखते हुए राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं हो रहे हैं। मंगलवार (28 दिसंबर) को सत्र का आखिरी दिन है। यही हाल प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी है। उद्धव ठाकरे भी सत्र के पहले दिन से ही सदन से अनुपस्थित हैं।
मीडिया ने जब इस पर सवाल उठाया तो आदित्य ठाकरे ने जवाब दिया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोरोना की स्थिति को देखकर तय करेंगे कि इसमें शामिल होना है या नहीं। ऐसे में यही कयास लगाए जा रहे हैं कि आदित्य ठाकरे अंतिम दिन भी सदन नहीं आएँगे।