‘ऑल इंडिया महिला कॉन्ग्रेस’ की अध्यक्ष अब तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की नेता हो गई हैं। सिल्चर की पूर्व सांसद सुष्मिता देव कॉन्ग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कोलकाता में एक कार्यक्रम में TMC में शामिल हो गई हैं। सांसद डेरेक ओब्रायन की मौजूदगी में वो TMC में शामिल हुईं। TMC ने असम की नेता का स्वागत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से प्रेरित होकर सुष्मिता देव ने ये फैसला लिया है।
Will give it all I have got…. @MamataOfficial thank you🙏🏻#KhelaHobe https://t.co/aa0ijNrhOk
— Sushmita Dev (@sushmitadevinc) August 16, 2021
इसके बाद सुष्मिता देव ने भी सोशल मीडिया पर ‘खेला होबे’ का टैग लगाते हुए कहा कि वो पार्टी के लिए अपनी क्षमतानुसार अपना अब कुछ देंगी। साथ ही उन्होंने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को धन्यवाद भी दिया। लेकिन, कॉन्ग्रेस समर्थकों को ये रास नहीं आया और उन्होंने सुष्मिता देव की आलोचना की। राहुल गाँधी की डीपी वाले एक हैंडल कामरान खान ने लिखा, “रातोंरात विचारधारा बदल ली। वाह! इंसान के ज़मीर का अब कोई भरोसा नहीं रह गया हैं। वैसे राज्यसभा की डील मुबारक हों।”
राहुल गाँधी के ही डीपी वाले एक अन्य हैंडल ओपी मीणा ने पूछा, “मैडम, कॉन्ग्रेस से मन भर गया था क्या?” वहीं कई लोगों ने उन्हें अपने यूजरनेम में से INC हटा कर TMC लगाने की सलाह दी। कुछ ने आशंका जताई कि ब्लू टिक चले जाने के कारण वो ऐसा नहीं कर रही हैं। सेल्विन थॉमस नाम के यूजर ने तो उन्हें ‘गिरगिट’ बताते हुए लिखा कि उन्होंने पल भर में विचारधारा बदल ली, वो बड़ी प्रतिभावान हैं।
Chameleon new species spotted
— Selvin Thomas (@Muzzris) August 16, 2021
Changing ideology in Minutes . Talented😊
एक कॉन्ग्रेस समर्थक ने पूछा, “राज्यसभा सीट? मुख्यमंत्री का चेहरा? पैसे? बताइए तो कि टेबल के नीचे से क्या डील हुई है।” एक अन्य ने पूछा, “आप अपनी क्षमतानुसार सब कुछ कॉन्ग्रेस को क्यों नहीं दे सकती थीं, जो TMC को देने की बात कर रहीं?” कई यूजर्स ने उनसे ‘डील’ के राज जानने चाहे।विशाल रंजन ने दिल टूटने वाले इमोजी लगाते हुए कहा, “आपको कॉन्ग्रेस नहीं छोड़ना चाहिए था मैडम।”
कॉन्ग्रेस समर्थकों ने उन पर पार्टी को धोखा देने के आरोप लगाए। एक यूजर ने आरोप लगाया कि उन्होंने ‘पैसे के लिए’ अपने पिता का नाम डूबा दिया। वहीं एक अन्य यूजर ने उन्हें ‘लालची’ करार देते हुए कहा कि ऐसे लोग सिर्फ लेना जानते हैं, देना नहीं। एक यूजर ने तो आरोप लगाया कि अमित शाह के बाद अब TMC भी कॉन्ग्रेस को निशाना बना रही है। एक अन्य ने उन पर कॉन्ग्रेस का एहसान न चुकाने के आरोप लगाए।
सुष्मिता देव के बारे में बता दें कि वो कॉन्ग्रेस के दिवंगत दिग्गज नेता संतोष मोहन देव की बेटी हैं। संतोष मोहन देव 5 बार असम के सिल्चर और 2 बार त्रिपुरा वेस्ट से सांसद रहे थे। वो राजीव गाँधी के सबसे विश्वस्त सिपहसालारों में से एक थे। यूपीए काल में भी वो केंद्रीय मंत्री थे। उनके पिता सतीन्द्र मोहन देव पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके दादा काली मोहन देव भी कॉन्ग्रेस के सक्रिय सदस्य थे। इस तरह सुष्मिता देव चौथी पीढ़ी की कॉन्ग्रेसी थीं।
सुष्मिता देव ने भी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए असम के सिल्चर को ही अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाया। वो 2011 में यहाँ से विधायक चुनी गईं। 2014 में मोदी लहर के बीच वो जीत कर सांसद बनीं। हालाँकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा उम्मीदवार डॉक्टर राजदीप रॉय के हाथों हार झेलनी पड़ी। सुष्मिता देव की माँ भीतिका देव भी सिल्चर से 2006 में विधायक रही हैं।