गुरुवार (फ़रवरी 2, 2019) को ममता बनर्जी ने एक ऐसे मुद्दे को हवा दी जो न सिर्फ़ बेबुनियादी था बल्कि देश की जनता को आहत करने वाला भी था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का हवाला देते हुए भारतीय वायु सेना की एयरस्ट्राइक को सवालों के घेरे में ला खड़ा करने का दुस्साहस किया। ऐसा दुस्साहस, जिसकी जितनी निंदा की जाए वो कम। ममता बनर्जी ने 26 फ़रवरी को पाकिस्तान में की गई हवाई कार्रवाई की विश्वसनीयता पर ही सवालों की झड़ी लगा दी जबकि सवाल तो उन पर ख़ुद एक के बाद एक दागे जा सकते हैं।
दुनिया उनकी असलियत से भली-भाँति परिचित हो चुकी है जहाँ वो कभी ‘धरना क्वीन’ बनीं नज़र आती हैं तो कभी पूर्व IPS अधिकारी गौरव दत्त की आत्महत्या के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराई जाती हैं। ज़िम्मेदार इसलिए क्योंकि पूर्व IPS ने ममता सरकार और ख़ुद ममता बनर्जी को आत्महत्या का दोषी ठहराते हुए सुसाइड नोट लिखा था, इसकी पुष्टि उनकी पत्नी श्रेयांशी दत्त ने की थी। ऐसे में ममता का ये बेहूदापन अपनी सीमा पार कर चुका है जहाँ वो केंद्र से पूछतीं नज़र आती हैं कि इस बात का सबूत दिया जाए की एयरस्ट्राइक की कार्रवाई पर कितने आतंकवादियों को मार गिराया गया।
ममता ने कहा, “हमें यह जानने का अधिकार है कि भारत द्वारा शुरू किए गए हवाई हमलों में कितने लोग मारे गए थे। क्या यह 300 या 350 है? मैंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में पढ़ा कि बम कहीं और गिराए गए। वास्तव में कितने लोग मारे गए?”
ममता द्वारा पूछे गए इस वाहियात प्रश्न पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि बनर्जी की टिप्पणी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। विजय वर्गीय ने कहा, “जहाँ एक तरफ पूरा देश बदला लेने के लिए कह रहा है कि वहाँ पाकिस्तान पर भारत द्वारा किए गए हमलों का सबूत माँगा जा रहा है। ऐसे समय में जब हमें देश के साथ डटकर खड़े होना चाहिए और अपनी सेना के मनोबल को बढ़ाना चाहिए, वह (ममता) पाकिस्तान के समर्थन में बयान दे रही हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें जवाब देने की कोई ज़रूरत है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए लोग ऐसी हरक़त करेंगे।”
विजयवर्गीय ने IPS अधिकारी गौरव दत्त की मौत का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने अपने सुसाइड नोट में बनर्जी को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा, “उनकी पत्नी ने मुझसे संपर्क किया था। वह दुखी हैं और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक नियुक्ति चाहती हैं। मुझे लगता है कि ममता के ख़िलाफ़ एक FIR दर्ज की जानी चाहिए।”
इससे पहले, राज्य के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी ममता के इसी सवाल पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि ममता बनर्जी के सुर पाकिस्तान के सुर से मेल खाते हैं। इसलिए यह पता लगाना मुश्किल है कि आख़िर पाक समर्थित उनके सुर पाकिस्तान के पक्ष में क्यों हैं?