Saturday, November 16, 2024
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बंगाल में इलेक्शन ख़त्म होते ही ममता बनर्जी चुनाव आयोग के खिलाफ जाएँगी SC, करेंगी नए चुनावों की माँग

“मैं बीरभूम, मुर्शिदाबाद और मालदा समेत जहाँ भी चुनाव होने हैं वहाँ के लोगों से अपील करती हूँ कि अभी से तैयारी कर लें क्योंकि एक तरफ हमें Covid-19 संक्रमण से लड़ना है वहीं दूसरी ओर हमें चुनाव आयोग से भी लड़ना है जो यह षड्यंत्र कर रहा है कि हमारे लोग वोटिंग न कर पाएँ।“

पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे ही चुनाव परिणाम का दिन नजदीक आ रहा है, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घबराहट बढ़ती जा रही है। हालाँकि, ममता बनर्जी कभी चुनाव आयोग पर तो कभी केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर कुछ न कुछ आरोप लगाती ही रहती हैं लेकिन अब उन्होंने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनाव आयोग के निर्देश पर तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह वर्तमान चुनावों के समाप्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएँगी और राज्य में ‘नए और निष्पक्ष चुनाव’ कराने की माँग करेंगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होते हुए ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका पर प्रश्न खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव एजेंसी ने भाजपा की सहायता करने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने का कार्य करता रहा कि टीएमसी के कार्यकर्ता भाजपा के खिलाफ वोटिंग न कर पाएँ।  

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने समर्थकों को एक संवैधानिक संस्था के खिलाफ उकसाते हुए कहा, “मैं बीरभूम, मुर्शिदाबाद और मालदा समेत जहाँ भी चुनाव होने हैं वहाँ के लोगों से अपील करती हूँ कि अभी से तैयारी कर लें क्योंकि एक तरफ हमें Covid-19 संक्रमण से लड़ना है वहीं दूसरी ओर हमें चुनाव आयोग से भी लड़ना है जो यह षड्यंत्र कर रहा है कि हमारे लोग वोटिंग न कर पाएँ।“

उन्होंने कहा, “यदि पुलिस किसी को अवैध रूप से गिरफ्तार करती है तो उनके परिवार वालों को पुलिस स्टेशन में जाकर बैठना चाहिए और पुलिस स्टेशन का घेराव करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर न्यायालय भी जाएँ। हम उच्च न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएँगे और किसी की भी अवैध गिरफ़्तारी के विरुद्ध शिकायत करेंगे।”

जब से पश्चिम बंगाल में चुनाव शुरू हुए हैं तब से ही ममता बनर्जी चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगाती रही हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भाजपा की सहायता करने के लिए पश्चिम बंगाल में चुनावों को आठ चरणों में कराया है। इसके बाद उन्होंने Covid-19 को आधार बनाकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महामारी के संकट के बाद भी चुनाव आयोग बाकी बचे चुनाव को एक ही चरण में निपटाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। इस मुद्दे पर चुनाव आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि एक बार चुनावों की घोषणा होने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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