Sunday, December 22, 2024
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‘जाति-भाषा का भेद करेंगे तो हम कटेंगे’: CM योगी के ‘बँटेंगे तो कटेंगे’ को RSS का समर्थन, कहा- लव जिहाद से बच्चियों को बचाना होगा, वक्फ संशोधन पर सरकार के साथ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान का समर्थन किया। दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, "कटेंगे तो बँटेंगे का मतलब है कि हिंदू समाज में एकता नहीं रहेगा तो... इतिहास कहता है कि 'हिन्दू भाव को जब-जब भूले आई विपदा महान, भाई छूटे धरती खोई मिटे धर्म संस्थान'। आजकल की भाषा में कटेंगे तो बँटेंगे हो सकता है।"

उत्तर प्रदेश के मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वार्षिक बैठक शनिवार (26 अक्टूबर 2024) को समाप्त हो गई। इस दौरान संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगभग 30 घंटे तक औपचारिक मुलाकात की और कुंभ सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने इसकी जानकारी दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान का समर्थन किया। दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “कटेंगे तो बँटेंगे का मतलब है कि हिंदू समाज में एकता नहीं रहेगा तो… इतिहास कहता है कि ‘हिन्दू भाव को जब-जब भूले आई विपदा महान, भाई छूटे धरती खोई मिटे धर्म संस्थान’। आजकल की भाषा में कटेंगे तो बँटेंगे हो सकता है।”

उन्होंने कहा, “हम जाति, भाषा और प्रांत का भेद करेंगे तो हम कटेंगे। इसलिए एकता आवश्यक है किसी भी राष्ट्र के लिए। राष्ट्रीय एकता अगर सिर्फ उपदेश रहता तो हो जाता, लेकिन इसके लिए प्रयत्न करना पड़ता है। आज लोग इसकी आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। हिंदू एकता लोक कल्याण के लिए है। खुद को बचाए रखने और दुनिया के मंगल के लिए हम हिंदू एकता चाहते है। इसमें कोई दो राय नहीं है।”

RSS के वरिष्ठ नेता होसबोले ने कहा कि हाल के दिनों में गणेश पूजा के दौरान हिंदू समाज पर हमले भी हुए। ऐसे हिंदू समाज को खुद की रक्षा भी करनी चाहिए और समाज एवं पुरुषार्थ से संगठित होकर रहना चाहिए। विश्व कल्याण के लिए कार्य के लिए आसपास शांति रहनी चाहिए। संघ ऐसे भी काम में लगा हुआ है। समाज के समाने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए हमने उपायों पर हमने विचार किया है।

उन्होंने जाति की राजनीति करने वाले राजनेताओं पर भी बना नाम लिए कटाक्ष किया। दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “हिंदुओं को तोड़ने के लिए शक्तियाँ काम कर रही हैं। वो कई प्रकार की शक्तियाँ हैं। वो हिंदुओं की जाति के नाम तोड़ेंगे। विचारधारा के नाम पर तोड़ेंगे। प्रांत के नाम पर तोड़ेंगे। भाषा के नाम पर तोड़ेंगे। किसी और नाम पर तोड़ेंगे। उसके लिए सावधानी रखनी जरूरी है।”

सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ सीएम योगी के मुलाकात पर होसबोले ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी यहाँ आए थे। पूजनीय सरसंघचाक जी के साथ 20-25 मिनट तक बैठक भी हुई। अखिल पदाधिकारी सब के साथ बैठे। इस दौरान आने वाले कुंभ मेले के आयोजन को लेकर चर्चा हुई। पिछले कुंभ की बहुत प्रशंसा भी हुई थी।”

होसबोले ने आगे कहा, “माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उस वर्ष कुंभ आयोजन के दौरान हमें एक साल ही हुए थे सत्ता में आए हुए। अब तो प्रशासन का अनुभव भी हो गया है। इसलिए इस कुंभ को पिछले से भी अधिक सार्थक और यशस्वी बनाने के लिए हमने कई योजनाएँ बनाई हैं। उन्होंने प्रस्तावित योजनाओं को बारे में बात की, जिसमें गंगा को लेकर बात थी।”

वक्फ संशोधन विधेयक पर RSS

वक्फ संशोदन बिल को लेकर कहा कि आने वाले सत्र में सरकार अपना काम करेगी। पत्रकार के सवाल को संबोधित करते हुए होसबोले ने कहा, “जैसा कि आपने कहा कि कर्नाटक में पूरे गाँव को वक्फ भूमि घोषित किया गया है तो यह साल 2013 तक इसमें विशेष समस्या नहीं थी। 1991 के बाद साल 2013 में इसमें संशोधन किए गए। उसको (वक्फ) को असीमित अधिकार दे दिए। डीएम भी कुछ नहीं कर सकता। भारत जैसे स्वतंत्र देश के अंदर एक स्वतंत्र ईकाई हो गई, जो वह कहेगा वही होगा।”

यूपीए सरकार की नीति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि टारगेटेड वॉयलेंस के बारे में उस समय के यूपीए सरकार की NAC की सलाह पर एक बिल लाया गया था। उसमें क्या था? ये सारे कुछ एक विशेष साजिश के तहत एक के बाद एक करके ये सारे विचार लाने का प्रयत्न हुआ था। ऐसा नहीं है कि अचानक कुछ हुआ। इसे तो ठीक करना ही पड़ेगा।”

होसबोले ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल का हिंदू-मुस्लिम से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, “यहाँ बात हिंदू-मुस्लिम का नहीं है। मुस्लिमों के कई समुदाय वक्फ की ज्यादती और अन्याय से पीड़ित हैं। इसलिए वो भी इसमें सुधार की माँग कर रहे हैं। तो देश की भावना के अनुसार इसमें संशोधन या जो कुछ जरूरी हुआ वो करना ही पड़ेगा।”

लव जिहाद और धर्मांतरण पर संघ का साथ

देश में बढ़ रही लव जिहाद और धर्मांतरण की घटनाओं से जुड़े सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया। सरकार्यवाह ने कहा, “लव जिहाद को लेकर संघ पिछले 25 साल से काम कर रहा है। संघ के स्वयंसेवक विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के माध्यम से अपना काम कर रहे हैं। संघ सीधा इसमें शामिल नहीं होता। वह स्वयंसेवक का निर्माण करता है। लेकिन, अगर जिहाद हो रहा है तो समाज के लिए समस्या हो रही है।”

इस मामले में समाज को जागरूक करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा, “हमें अपने बच्चियों, लड़कियों, किशोरियों, युवतियों को बचाना है। केरल में लगभग 200 युवतियों को बचाने का काम हुआ। कई युवतियाँ चली भी गई थीं, लेकिन वो वापस आईं। उनका पुनर्वास करने वाली एक संस्था को संघ ने अपना पूरा समर्थन दिया। इन युवतियों ने अन्य युवतियों को सावधान करने के लिए काम करना शुरू किया है।”

उन्होंने कहा, “धर्मांतरण को लेकर विभिन्न हिंदू संगठन के लोग अपना काम कर रहे हैं। इसमें संघ का सहयोग है। मतांतरण असल में राष्ट्रांतरण है। मतांतरित लोगों की घरवापसी का काम चल रहा है। इसमें विभिन्न संगठन और स्वयंसेवक लगे हुए हैं। हम अपने समाज के लोगों के साथ भेदभाव ना करें। अभावग्रस्त लोगों को बताना पड़ता है कि समाज आपके साथ है, आपको मत परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है।”

बांग्लादेश के हिंदुओं को संघ का समर्थन

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की रक्षा होनी चाहिए, उनके सम्मान की रक्षा होनी चाहिए। संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों एवं स्वयंसेवकों ने इस मुद्दे को यूरोप से लेकर अमेरिका तक में उठाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के ‘हिंदू स्वयंसेवक संघ’ के लोग भी वहाँ के अभावग्रस्त हिंदुओं के लिए आगे आ रहे हैं। इसमें संघ भी अपनी भूमिका निभा रहा है।

बांग्लादेश को हिंदुओं की भी भूमि बताते हुए होसबोले ने कहा कि हिंदू समाज को वहाँ से पलायन नहीं करना चाहिए। उन्हें वहीं डटे रहना चाहिए। वे बांग्लावासी हैं। ये उनकी भूमि है। भारत का 1947 में विभाजन हो गया। पाकिस्तान से अलग होकर 1971 में वो अलग देश भी बना। उन्होंने कहा, “वहाँ हमारा शक्तिपीठ है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उस हिस्से का बड़ा योगदान है। इसलिए हिंदू को वहीं रहना चाहिए।”

संघ में नंबर दो की हैसियत रखने वाले दत्तात्रेय ने संघ की देश भर में हो रहे विस्तार की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस साल विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया है। वह 99 वर्ष पूरे कर चुका है। अगले विजयादशमी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 पूरे होने पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।

देश भर में शाखाओं के विस्तार को लेकर उन्होंने कहा, “इस वर्ष देश भर में 3,626 जगहों पर शाखाएँ बढ़ी हैं। 6,645 शाखाएँ इस साल बढ़ी हैं। इस समय देश भर के 4,5411 जगहों पर 72,354 शाखाएँ लग रही हैं।” उन्होंने बताया कि आगे अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का फोकस समाज में समरसता और भाईचारा बढ़ाने पर रहेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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