उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। बीजेपी ने 11 में से 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं समाजवादी पार्टी ने 3 सीटों पर जीत हासिल की है। बसपा और कॉन्ग्रेस का खाता भी नहीं खुला। बसपा को इस चुनाव में करारी हार मिली है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस हार का ठीकरा भारतीय जनता पार्टी के सिर पर फोड़ा। मायावती ने यूपी में अपनी पार्टी की हार को छिपाने के लिए BJP पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया।
यूपी विधानसभा आमचुनाव से पहले बीएसपी के लोगों का मनोबल गिराने के षडयंत्र के तहत बीजेपी द्वारा इस उपचुनाव में सपा की कुछ सीटें जिताने व बीएसपी को एक भी सीट नहीं जीतने देने को पार्टी के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं। वे इनके इस षडयंत्र को फेल करने के लिए पूरे जी-जान से जरूर जुटेंगे।
— Mayawati (@Mayawati) October 24, 2019
उन्होंने ट्वीट में लिखा कि यूपी विधानसभा आमचुनाव से पहले बीएसपी के लोगों का मनोबल गिराने के षडयंत्र के तहत बीजेपी द्वारा इस उपचुनाव में सपा की कुछ सीटें जिताने और बीएसपी को एक भी सीट नहीं जीतने देने को पार्टी के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं। वे इनके इस षडयंत्र को फेल करने के लिए पूरे जी-जान से जरूर जुटेंगे। मायावती ने इसे बीजेपी की साजिश बताई है।
2. इसका परिणाम यह हुआ कि बीएसपी इस बार हरियाणा विधानसभा आमचुनाव में सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी, हालाँकि बीएसपी को पिछली बार से ज्यादा वोट मिले हैं।
— Mayawati (@Mayawati) October 24, 2019
वहीं बसपा सुप्रीमो ने हरियाणा में मिली शिकस्त का इल्जाम कॉन्ग्रेस पर लगाते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए मत विभाजन के भय का खूब प्रचार किया जिससे बसपा के परम्परागत वोटरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा, लेकिन अन्य मतदाता जरूर भ्रमित हो गए। मायावती ने ट्वीट कर यह कहने की कोशिश की कि कॉन्ग्रेस के झूठे प्रचार करके लोगों को बरगलाया इसीलिए कॉन्ग्रेस का प्रदर्शन पिछली बार से अच्छा रहा।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “हरियाणा की जनता भी बीजेपी सरकार के कुशासन से काफी दुःखी व त्रस्त थी और इनसे मुक्ति चाहती थी। लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपने स्वार्थ के लिए जनता में वोटों के बँटने के भय को खूब प्रचारित किया। इससे बीएसपी के समर्पित वोटर तो कतई नहीं डिगे परन्तु अन्य वोटर जरूर भ्रमित हो गए। इसका परिणाम यह हुआ कि बीएसपी इस बार हरियाणा विधानसभा आमचुनाव में सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी, हालाँकि बीएसपी को पिछली बार से ज्यादा वोट मिले हैं।”
गौरतलब है कि हरियाणा चुनाव में हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी की पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। लेकिन 40 सीटें जीतकर बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। कॉन्ग्रेस को 31 सीटों पर सफलता हासिल हुई।