बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने ऐलान कर दिया है कि वो साल 2022 में किसी भी दल के साथ समझौता नहीं करेंगी और अकेले चुनाव लड़ेंगी। उनका कहना है कि इस बार बसपा का गठबंधन जनता से होगा और प्रदेश में उनकी ही सरकार बनेगी।
मायावती ने कहा, “बीएसपी, किसी भी पार्टी के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं करेगी। हम अपने दम पर लड़ेंगे। हमारा समझौता समाज के हर वर्ग की जनता से होगा ताकि उन्हें एकजुट लाएँ- यही गठबंधन पर्मानेंट है। हमारी इच्छा नहीं है कि हम किसी पार्टी के साथ गठबंधन करें।”
BSP won't have any "chunavi samjhauta" (poll agreement) with any party. We'll contest on our own. We're entering into agreement with people of all sections of society to bring them together -this alliance is permanent. Don't intend to enter into alliance with any party: BSP chief pic.twitter.com/ax0dChQOUZ
— ANI UP (@ANINewsUP) November 9, 2021
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ताबड़तोड़ सरकारी योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण कर रही है। लेकिन ये योजनाएँ अभी आधी-अधूरी ही हैं और जनता इनके झांसे में नहीं आएगी। इसी तरह कॉन्ग्रेस व समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा, “कॉन्ग्रेस भी भाजपा की राह पर है इसलिए लगातार लोकलुभावन घोषणाएँ कर रही है। अगर उन्होंने सत्ता में रहते हुए 50 फीसदी भी अपने वादे पूरे किए होते तो आज केंद्र की सत्ता से बाहर न होते।” मायावती ने कहा कि जनता सपा के चुनावी वादों पर यकीन नहीं करेगी और उन्हें वोट नहीं देगी।
बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मायावती ने भले ही अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है लेकिन अभी पिछले लोकसभा चुनावों में उन्होंने अखिलेश की सपा से समझौता कर पार्टी की किस्मत को आजमाया था। दोनों पार्टियों ने साल 2019 में 12 जनवरी को साथ आने का ऐलान किया था और भाजपा की प्रचंड जीत व अन्य पार्टियों की हार के बाद 23 जून को ये गठबंधन टूट गया था। मायावती ने तब कहा था कि लोकसभा चुनावों में सपा का व्यवहार ठीक नहीं था। अतः पार्टी के हित में बसपा आगे सभी चुनाव अकेले लड़ेगी।
मायावती ने ट्वीट कर कहा था, “बसपा ने प्रदेश में सपा सरकार के दौरान हुए दलित विरोधी फ़ैसलों को दरकिनार कर देशहित में पूरी तरह गठबंधन धर्म निभाया। चुनावों के बाद सपा का व्यवहार सोचने के लिए मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी के हित में बसपा आगे होने वाले सभी छोड़े-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।”
साल 2017 के विधानसभा चुनावों की बात करें उस दौरान सपा-कॉन्ग्रेस ने एक दूसरे के साथ गठबंधन किया था लेकिन उसके बाद भी 403 सीटों में से 324 पर बीजेपी गठबंधन, 54 पर एसपी-कॉन्ग्रेस गठबंधन, 19 पर बीएसपी और 6 सीटें अन्य के खाते में गई थीं।