उत्तर प्रदेश में करारी शिकस्त पाने के बाद महागठबंधन की मजबूती कुछ ही दिनों में कमजोर हो गई है। खबर के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने घोषणा की है कि सपा-बसपा का महागठबंधन आने वाले चुनावों में एक होकर चुनाव नहीं लड़ेगा।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मायावती ने कहा कि फिलहाल राज्य की स्थिति देखते हुए उनके लिए बेहतर है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़े। मायावती के मुताबिक प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर इस बात का सबूत हैं कि यादव समुदाय के लोगों ने ही पार्टी का साथ नहीं दिया। मायावती का मानना है कि सपा की सबसे मजबूत प्रत्याशी डिंपल यादव तक इन चुनावों में कन्नौज से जीत हासिल नहीं कर पाईं। ऐसी स्थिति में पार्टी बहुजन समाज पार्टी की क्या सहायता कर पाएगी।
BSP Chief Mayawati on SP-BSP coalition: It’s not a permanent break. If we feel in future that SP Chief succeeds in his political work, we’ll again work together. But if he doesn’t succeed, it’ll be good for us to work separately. So we’ve decided to fight the by-elections alone. pic.twitter.com/VP20N4zL4Y
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
हालाँकि, गठबंधन को लेकर दिए स्पष्ट बयान के बाद मायावती ने ये भी कहा कि समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच के रिश्तों पर इस फैसले से कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा। वो हमेशा अखिलेश यादव के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ता निभाएँगी।
BSP Chief Mayawati on SP-BSP coalition: However, we can’t ignore political compulsions. In the results of Lok Sabha elections in UP, base vote of Samajwadi Party, the ‘Yadav’ community, didn’t support the party. Even strong contenders of SP were defeated https://t.co/jt00Ca8scE
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
मायावती का कहना है कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने उन्हें बहुत इज्जत दी है और उन्होंने भी राष्ट्रहित के लिए अपने मतभेदों को भुलाकर उन्हें सम्मान दिया। बसपा सुप्रीमो का कहना है कि उनका रिश्ता सिर्फ़ राजनैतिक नहीं था, ये आगे भी इसी तरह का रहेगा। लेकिन, इन अच्छे संबंधों के बावजूद वो लोकसभा चुनावों में आए नतीजों को भूल नहीं सकती हैं। इसी वजह से उन्हें अपने फैसले पर दोबारा सोचना पड़ा।
Mayawati: Akhilesh and his wife have given me immense respect, I too have treated them as family members. Our relationship is not just political, it is deeper. But there are some political compulsions as a result of the recently concluded elections pic.twitter.com/pQg8lJx8i6
— Smita Prakash (@smitaprakash) June 4, 2019
मायावती ने इस बातचीत में ये भी साफ़ किया कि गठबंधन पर लगा ब्रेक स्थायी (पर्मानेंट) नहीं है। अगर उन्हें आने वाले समय में लगेगा कि राजनैतिक कार्यों में सपा अध्यक्ष अच्छा कर रहे हैं, तो वे दोबारा साथ काम करेंगी। लेकिन अगर वो राजनीति में अच्छा काम नहीं कर पाते हैं, तो अच्छा ही है कि अलग-अलग काम किया जाए। इसलिए अभी के लिए उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
No permanent break with SP, but BSP to fight bypolls alone: Mayawati https://t.co/QwcUpfJwvZ pic.twitter.com/XDif6M6DK9
— Times of India (@timesofindia) June 4, 2019