Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीति...तो अच्छा ही है कि अलग-अलग होकर चुनाव लड़ा जाए: मायावती ने लगाया महागठबंधन...

…तो अच्छा ही है कि अलग-अलग होकर चुनाव लड़ा जाए: मायावती ने लगाया महागठबंधन पर ब्रेक

गठबंधन को लेकर दिए स्पष्ट बयान के बाद मायावती ने ये भी कहा कि समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच के रिश्तों पर इस फैसले से कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा। वो हमेशा अखिलेश यादव के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ता निभाएँगी।

उत्तर प्रदेश में करारी शिकस्त पाने के बाद महागठबंधन की मजबूती कुछ ही दिनों में कमजोर हो गई है। खबर के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने घोषणा की है कि सपा-बसपा का महागठबंधन आने वाले चुनावों में एक होकर चुनाव नहीं लड़ेगा।

मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मायावती ने कहा कि फिलहाल राज्य की स्थिति देखते हुए उनके लिए बेहतर है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़े। मायावती के मुताबिक प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर इस बात का सबूत हैं कि यादव समुदाय के लोगों ने ही पार्टी का साथ नहीं दिया। मायावती का मानना है कि सपा की सबसे मजबूत प्रत्याशी डिंपल यादव तक इन चुनावों में कन्नौज से जीत हासिल नहीं कर पाईं। ऐसी स्थिति में पार्टी बहुजन समाज पार्टी की क्या सहायता कर पाएगी।

हालाँकि, गठबंधन को लेकर दिए स्पष्ट बयान के बाद मायावती ने ये भी कहा कि समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच के रिश्तों पर इस फैसले से कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा। वो हमेशा अखिलेश यादव के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ता निभाएँगी।

मायावती का कहना है कि अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने उन्हें बहुत इज्जत दी है और उन्होंने भी राष्ट्रहित के लिए अपने मतभेदों को भुलाकर उन्हें सम्मान दिया। बसपा सुप्रीमो का कहना है कि उनका रिश्ता सिर्फ़ राजनैतिक नहीं था, ये आगे भी इसी तरह का रहेगा। लेकिन, इन अच्छे संबंधों के बावजूद वो लोकसभा चुनावों में आए नतीजों को भूल नहीं सकती हैं। इसी वजह से उन्हें अपने फैसले पर दोबारा सोचना पड़ा।

मायावती ने इस बातचीत में ये भी साफ़ किया कि गठबंधन पर लगा ब्रेक स्थायी (पर्मानेंट) नहीं है। अगर उन्हें आने वाले समय में लगेगा कि राजनैतिक कार्यों में सपा अध्यक्ष अच्छा कर रहे हैं, तो वे दोबारा साथ काम करेंगी। लेकिन अगर वो राजनीति में अच्छा काम नहीं कर पाते हैं, तो अच्छा ही है कि अलग-अलग काम किया जाए। इसलिए अभी के लिए उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -