भारत-चीन विवाद पर केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को समर्थन देने के बाद दलित नेता और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती पर सोमवार (जून 29, 2020) को कॉन्ग्रेस और इस्लामवादियों हमला बोला।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी भारत-चीन मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगाकर राजनीति कर रहे हैं, जो कि देश के हित में नहीं है।
Politics being done by BJP and Congress by levelling accusations at each other over India-China border issue is not in the interest of the nation. It is a matter of great concern: BSP Chief Mayawati https://t.co/tMRjFboSvg
— ANI (@ANI) June 29, 2020
देश की सुरक्षा मामले पर प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने पर कॉन्ग्रेस और अन्य इस्लामियों ने उन पर जमकर हमला बोला। उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भारत-चीन विवाद पर बीजेपी के साथ खड़े होने पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब देश के साथ खड़े होना है तो मायावती भाजपा के साथ खड़ी हैं। भाजपा तो खुद कहीं नहीं खड़ी है। बिल में दुबकी बैठी है।”
जब देश के साथ खड़े होना है तो @Mayawati जी भाजपा के साथ खड़ी हैं।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) June 29, 2020
भाजपा तो खुद कहीं नहीं खड़ी है।
बिल में दुबकी बैठी है। https://t.co/WdPp2tEQz2
आम आदमी पार्टी (AAP) प्रोपेगेंडा ब्लॉग के फाउंडर रिफत जावेद ने राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे पर बीजेपी के साथ खड़े होने पर उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों पर पिछले साल मायावती को वोट देने को लेकर मजाक उड़ाया।
Dear Muslims of UP. You voted for her party in last elections. Mubarak ho! https://t.co/wXSsWCyPKo
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) June 29, 2020
कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने लिखा, “मायावती जी ने कहा कि भाजपा के साथ खड़ी हैं चीन के मुद्दे पर। झूठ! कब नहीं खड़ी थीं और हमला कॉन्ग्रेस पर बोला। मज़दूरों के मामले में भी यही किया था। कोई भाजपा में शामिल करा दे उपकार होगा। बेचारी जाने के लिए उतावली हैं।”
मायावती जी ने कहा कि भाजपा के साथ खड़ी हैं चीन के मुद्दे पर। झूठ ! कब नही खड़ी थीं & हमला कांग्रेस पर बोला।मज़दूरों के मामले में भी यही किया था।कोई भाजपा में शामिल करा दे उपकार होगा।बेचारी जाने के लिए उतावली हैं ।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) June 29, 2020
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी करके चर्चा में आए ‘पत्रकार’ प्रशांत कनौजिया, जिसने दलितों की तुलना जानवरों से की थी, ने दावा किया कि दलित समुदाय को अब दलित नेता का ‘असली चेहरा’ पता चलेगा।
बहन @Mayawati जी पार्टी को भाजपा में विलय क्यों नहीं कर देती? आज कांशीराम जीवित होते है आपको तुरंत बाहर करते। देश के दलितों को अब इनका असली चेहरा पहचान लेना चाहिए। https://t.co/XpWzL1lO12
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) June 29, 2020
प्रशांत कनौजिया ने ट्विटर पर लिखा, “बहन मायावती जी पार्टी को भाजपा में विलय क्यों नहीं कर देती? आज कांशीराम जीवित होते है आपको तुरंत बाहर करते। देश के दलितों को अब इनका असली चेहरा पहचान लेना चाहिए।”
Mayawati has been the biggest let down. https://t.co/bcuuB7eNAQ
— Yunus Lasania (@lasaniayunus) June 29, 2020
सीमा पर जारी तनाव के बीच कई इस्लामवादियों ने मायावती पर सरकार के साथ खड़े होने पर निराशा व्यक्त की।
We knew this all the way, Behen ji. Thank you for finally confessing it!!! https://t.co/fKmcQMSJJk
— Sadaf Jafar (@sadafjafar) June 29, 2020
कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता सदाफ जाफ़र, जिन्होंने सीएए के विरोध प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया था और उनका आयोजन किया था, ने भी निराशा व्यक्त की।
बता दें कि मायावती पूर्व में बीजेपी के खिलाफ खड़ी हुई थीं और कई मौकों पर सरकार के कार्यों की आलोचना की थी। हालाँकि, उन्होंने भारत-चीन मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कॉन्ग्रेस की क्षुद्र राजनीति पर भी खुलकर बोला।
2. ऐसे कठिन व चुनौती भरे समय में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के सम्बंध में लोगों व विशषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मूल रूप से यह सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वह देशहित व सीमा की रक्षा हर हाल में करे, जो कि हर सरकार का दायित्व भी है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) June 22, 2020
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सलाह के बाद मायावती ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा था कि विघटन की कूटनीति या निर्णायक नेतृत्व का कोई विकल्प नहीं है। मायावती ने कहा था, “ऐसे कठिन व चुनौती भरे समय में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के सम्बंध में लोगों व विशषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मूल रूप से यह सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वह देशहित व सीमा की रक्षा हर हाल में करे, जो कि हर सरकार का दायित्व भी है।”