Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिचीन के साथ विवाद में केंद्र सरकार का दिया साथ तो मायावती पर टूट...

चीन के साथ विवाद में केंद्र सरकार का दिया साथ तो मायावती पर टूट पड़े कॉन्ग्रेसी और इस्लामवादी

उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भारत-चीन विवाद पर बीजेपी के साथ खड़े होने पर सवाल उठाते हुए कहा, "जब देश के साथ खड़े होना है तो मायावती भाजपा के साथ खड़ी हैं। भाजपा तो खुद कहीं नहीं खड़ी है। बिल में दुबकी बैठी है।"

भारत-चीन विवाद पर केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को समर्थन देने के बाद दलित नेता और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती पर सोमवार (जून 29, 2020) को कॉन्ग्रेस और इस्लामवादियों हमला बोला।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी भारत-चीन मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगाकर राजनीति कर रहे हैं, जो कि देश के हित में नहीं है।

देश की सुरक्षा मामले पर प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने पर कॉन्ग्रेस और अन्य इस्लामियों ने उन पर जमकर हमला बोला। उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भारत-चीन विवाद पर बीजेपी के साथ खड़े होने पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब देश के साथ खड़े होना है तो मायावती भाजपा के साथ खड़ी हैं। भाजपा तो खुद कहीं नहीं खड़ी है। बिल में दुबकी बैठी है।”

आम आदमी पार्टी (AAP) प्रोपेगेंडा ब्लॉग के फाउंडर रिफत जावेद ने राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे पर बीजेपी के साथ खड़े होने पर उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों पर पिछले साल मायावती को वोट देने को लेकर मजाक उड़ाया।

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज ने लिखा, “मायावती जी ने कहा कि भाजपा के साथ खड़ी हैं चीन के मुद्दे पर। झूठ! कब नहीं खड़ी थीं और हमला कॉन्ग्रेस पर बोला। मज़दूरों के मामले में भी यही किया था। कोई भाजपा में शामिल करा दे उपकार होगा। बेचारी जाने के लिए उतावली हैं।”

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के ऊपर आपत्तिजनक टिप्पणी करके चर्चा में आए ‘पत्रकार’ प्रशांत कनौजिया, जिसने दलितों की तुलना जानवरों से की थी, ने दावा किया कि दलित समुदाय को अब दलित नेता का ‘असली चेहरा’ पता चलेगा।

प्रशांत कनौजिया ने ट्विटर पर लिखा, “बहन मायावती जी पार्टी को भाजपा में विलय क्यों नहीं कर देती? आज कांशीराम जीवित होते है आपको तुरंत बाहर करते। देश के दलितों को अब इनका असली चेहरा पहचान लेना चाहिए।”

सीमा पर जारी तनाव के बीच कई इस्लामवादियों ने मायावती पर सरकार के साथ खड़े होने पर निराशा व्यक्त की।

कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता सदाफ जाफ़र, जिन्होंने सीएए के विरोध प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया था और उनका आयोजन किया था, ने भी निराशा व्यक्त की।

बता दें कि मायावती पूर्व में बीजेपी के खिलाफ खड़ी हुई थीं और कई मौकों पर सरकार के कार्यों की आलोचना की थी। हालाँकि, उन्होंने भारत-चीन मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ समर्थन किया है। साथ ही उन्होंने कॉन्ग्रेस की क्षुद्र राजनीति पर भी खुलकर बोला।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सलाह के बाद मायावती ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा था कि विघटन की कूटनीति या निर्णायक नेतृत्व का कोई विकल्प नहीं है। मायावती ने कहा था, “ऐसे कठिन व चुनौती भरे समय में भारत सरकार की अगली कार्रवाई के सम्बंध में लोगों व विशषज्ञों की राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन मूल रूप से यह सरकार पर छोड़ देना बेहतर है कि वह देशहित व सीमा की रक्षा हर हाल में करे, जो कि हर सरकार का दायित्व भी है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -