भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने आज (नवंबर 19, 2020) अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद इस विभाग का अतिरिक्त प्रभार प्रदेश मंत्री अशोक चौधरी को दिया गया है। अशोक चौधरी के पास शिक्षा विभाग के अलावा भवन निर्माण और समाज कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी है यानी राज्यपाल के अगले आदेश तक अब वह तीन विभागों को संभालेंगे।
Bihar Minister Ashok Chaudhary given additional charge of the education department, following the resignation of Mewa Lal Choudhary over corruption allegations https://t.co/CizDvwECFM
— ANI (@ANI) November 19, 2020
कुछ देर पहले ही अशोक चौधरी ने अपने ट्वीट पर कुछ तस्वीरें पोस्ट करके जानकारी दी है कि उन्होंने आज ही सुबह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भवन निर्माण विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कार्यभार ग्रहण किया।
आप सभी प्रदेशवासियों के आशीर्वाद से आज सुबह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भवन निर्माण विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कार्यभार ग्रहण किया।
— Dr. Ashok Choudhary (@AshokChoudhaary) November 19, 2020
मैं अपने बिहार के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि आपके विकास एवं कल्याण हेतु पूर्ण समर्पण के साथ काम करूंगा। pic.twitter.com/IH2E2RkGDS
उल्लेखनीय है कि डॉ मेवालाल चौधरी ने आज ही 1 बजे शिक्षामंत्री का पदभार संभालते हुए शपथ ली थी लेकिन कुछ ही देर बाद ही यह खबर आई कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा, “जो हमारे खिलाफ बोल रहे हैं और यह कह रहे है कि मेरी पत्नी की मौत के लिए मैं जिम्मेवार हूँ, उनके खिलाफ आज ही 50 करोड़ की मानहानि का केस करूँगा और आज ही उनके पास लीगल नोटिस जाएगा।”
उन्होंने कहा कि कोई भी केस तब साबित होता है जब आपके खिलाफ़ कोई चार्जशीट हुई हो या कोर्ट ने कुछ फैसला किया हो। न उनके खिलाफ अभी कोई चार्जशीट हुई है न ही उनके ऊपर कोई आरोप दर्ज़ हुआ है। अपने ऊपर लगे इल्जामों को डॉ मेवालाल ने ख़ारिज करते हुए कहा कि वो तेजस्वी यादव पर 50 करोड़ का मानहानि का केस करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि डॉ मेवालाल चौधरी पर आरोप है कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति रहते समय उन्होंने प्रोफेसरों की भर्ती में भ्रष्टाचार किया था। इस मामले में उन पर एफआईआर भी हुई थी। इसके बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
डॉ मेवालाल चौधरी पर भवन निर्माण मामले में भी आरोप लगे हुए हैं। नियुक्ति घोटाले में फरवरी 2017 में IPC 409, 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। इसलिए जब उनके शिक्षामंत्री बनने की बात खबरों में आई तो विपक्ष ने उनके साथ नीतिश सरकार पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया।