पंजाब में लंबे समय से चल रहे ड्रग्स के मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता और एनडीपीएस के आरोपित बिक्रम सिंह मजीठिया को विदेश भागने से रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इस मामले में पंजाब पुलिस ने गृह मंत्रालय के इमिग्रेशन ब्यूरो से अनुरोध किया था।
दरअसल, मंगलवार (21 दिसंबर 2021) को पंजाब पुलिस ने ड्रग्स की तस्करी के मामले में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस एक्ट 1985 की धारा 25, 27 ए और 29 के तहत दर्ज केस दर्ज किया था। पुलिस ने मजीठिया के खिलाफ यह केस एसटीएफ की जाँच रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया है। बिक्रम मजीठिया शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले हैं। इसी कारण से अब अकाली दल खुलकर उनके बचाव में उतर गया है।
शिअद के नेताओं प्रेम सिंह चंदूमाजरा, दलजीत सिंह चीमा व महेश इंदर ग्रेवाल ने चंडीगढ़ में इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
इसके साथ ही इन नेताओं ने पंजाब सरकार को चेतावनी भी दे डाली कि वो बिक्रम मजीठिया को गिरफ्तार करके दिखाए। वहीं इस मामले में पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने नवजोत सिंह सिद्धू पर इशारों में निशाना साधा। उनका कहना है कि किसी व्यक्ति के (सिद्धू) राजनीतिक अंहकार को शांत करने के लिए राजनीति से प्रेरित राज्य दबाव में काम कर रही है। ज्ञात हो कि नवजोत सिंह सिद्धू लंबे समय से ड्रग्स के मुद्दे को उठा रहे हैं।
क्या है ये मामला
जिस ड्रग्स की तस्करी के मामले में मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है वो दरअसल साल 2012 का मामला है। बिक्रम मजीठिया के खिलाफ 6000 करोड़ रुपए के सिंथेटिक ड्रग्स के मामले में केस दर्ज किया गया है। इस केस में मजीठिया का नाम साल 2014 में सामने आया था। जब पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश भोला ने पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम लिया। उस दौरान पंजाब में बीजेपी और अकाली दल की गठबंधन की सरकार थी।