हाल ही में भाजपा में शामिल हुए गोवा के विधायक संकल्प अमोनकर ने शुक्रवार (16 सितंबर 2022) को कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर इस साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान पद और टिकट बेचने का आरोप लगाया। बता दें कि अमोनकर गोवा कॉन्ग्रेस के उन 8 विधायकों में शामिल हैं, जो 14 सितंबर 2022 को भाजपा में शामिल हुए थे।
एक फ्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए संकल्प अमोनकर ने अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमिटी (AICC) गोवा के डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव पर अमीर व्यक्तियों को 12 विधानसभा क्षेत्रों के टिकट बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने ये टिकट करोड़ों रुपए में बेचे थे।
संकल्प अमोनकर ने कहा, “गोवा प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के प्रमुख और कॉन्ग्रेस विधायक दल के प्रमुख पद की बिक्री हुई है। जो लोग पार्टी में नए थे, उन्हें पैसे लेने के बाद इन पदों की पेशकश की गई थी। यह सौदा मेरी मौजूदगी में हुआ था।” उन्होंने हा कि कॉन्ग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी इसकी जानकारी थी।
गाँधी परिवार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “वे चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष रबर स्टैंप हो। वे चाहते हैं कि कॉन्ग्रेस की विफलताओं के लिए कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही ले। जब डॉक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था, तब भी उन्होंने यही किया था। पूरी सरकार गाँधी परिवार चलाती थी।”
गुजरात युवक कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष ने भी लगाए थे पार्टी पर आरोप
बता दें इसी महीने 4 सितंबर को गुजरात युवा कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह वाघेला ने भी कॉन्ग्रेस पर ऐसा ही आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के साथ वाघेला ने कॉन्ग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस पार्टी में गाँधी परिवार की पूजा होती है। इनके मुख्य कार्यालयों में नेहरू, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, सोनिया गाँधी की तस्वीरें हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, वाघेला ने अपने इस्तीफे के साथ बताया कि उन्हें धीरे-धीरे एहसास हुआ कि पार्टी की मूल विचारधारा का तो अब गला घोंटा जा चुका है। वाघेला ने यहाँ तक दावा किया कि कॉन्ग्रेस ने उन्हें पैसों के बदले अध्यक्ष पद दिया था। उन्होंने कहा था, “मेरे समूह ने युवा कॉन्ग्रेस चुनाव में पार्टी को 1 करोड़ 70 लाख रुपए दिए थे। इन्हीं पैसों के बदले कॉन्ग्रेस ने मुझे यह पद दिया था।”
विश्वनाथ वाघेला ने कॉन्ग्रेस पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा था, “जब भी युवाओं को जरूरत होती है तो कॉन्ग्रेस के नेता कभी मौजूद नहीं होते। युवा ब्रिगेड को पार्टी के नेताओं की गुटबाजी और पार्टी सिस्टम से घृणा होने लगी है। देश के युवा कॉन्ग्रेस पार्टी में इसका भविष्य नहीं देखते हैं। यहाँ ईमानदार कार्यकर्ताओं का अपमान होता है।”