आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने इस साल हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज कर राज्य में सरकार बनाई। जगन की आँधी का आलम ये रहा कि कई वर्षों से आंध्र प्रदेश की सत्ता पर काबिज चंद्रबाबू नायडू अपने अस्तित्व की लड़ाई में उलझ गए। जो नायडू चुनाव से पहले देश भर की विपक्षी पार्टियों को गोलबंद करने में जुटे थे, अब उनसे जुड़ी ख़बरें मीडिया का हिस्सा ही नहीं बनतीं। हालाँकि, जगन रेड्डी के सीएम बनने के बाद भी उनकी सरकार और पार्टी विवादों से दूर नहीं रही। अब एक विधायक के बयान से विवाद उपजा है।
ईस्ट गोदावरी जिले में स्थित जग्गमपेटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक चांटी बाबू ने हाल ही में ईसाई पादरियों की एक बैठक को सम्बोधित किया, जिसमें उन्होंने कई विवादित बयान दिए। जगन की पार्टी के विधायक ने न सिर्फ़ ईसाई पादरियों की मजहबी गतिविधियों का समर्थन किया बल्कि उसे बढ़ावा भी दिया। विधायक ने ईसाई पादरियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वो उनके समर्थन से ही जीत कर आए हैं। उन्होंने ईसाई पादरियों को कहा, “अगर आपकी गतिविधियों व क्रियाकलापों में कोई भी व्यवधान डालता है तो उन्हें बताएँ कि विधायक आपके साथ है।“
Here is a MLA openly thanking Christians for their support
— Ritu (सत्यसाधक) #EqualRightsForHindus (@RituRathaur) November 2, 2019
Also gives them subtle assurance to do conversions & if anyone stops, he will take care!
Can ever a @BJP4India MLA or MP be so un apologetic and thank their Hindu voters for voting them?
Offer help to fight conversion? https://t.co/RMPgGjOrFc
सोशल मीडिया पर लोगों ने विधायक पर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। विधायक चांटी बाबू का ये वीडियो ट्विटर पर पहुँच गया, जहाँ कई लोगों ने इसे शेयर करते हुए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी वाईएसआरसीपी को भी घेरा। विधायक ने ईसाई पादरियों को कहा कि उनकी सभी गतिविधियों में वो साथ खड़े हैं। लोगों ने विधायक से पूछा कि क्या वे ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे धर्मांतरण अभियान का भी स्वागत करते हैं?
उधर जगन मोहन रेड्डी ख़ुद सीबीआई की जाँच झेल रहे हैं। हाल ही में सीबीआई की अदालत ने उन्हें सशरीर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। अवैध निवेश मामलों में सीबीआई की जाँच का सामना कर रहे सीएम जगन ने कोर्ट में ख़ुद उपस्थित होने से छूट देने की माँग की थी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।