मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने भोपाल और इंदौर में इंटरनेशनल इंडियन फिल्म अकादमी यानी ‘आइफा’ सेरेमनी आयोजित करवाने के लिए कमलनाथ सरकार द्वारा आवंटित 700 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। ‘आइफा’ का आयोजन मार्च 2020 में में किया जाना था। 700 करोड़ रुपए खर्च कर 90 देशों में इसका टेलिकास्ट करने का प्लान था।
कमलनाथ की योजना इस मेगा इवेंट के जरिए राज्य की ब्रांडिंग करनी थी। उस समय भी शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन एमपी सरकार को सलाह दी थी कि इस आयोजन पर इतना पैसा खर्च करने की जगह इसका इस्तेमाल किसानों की कर्ज माफ़ी तथा बाढ़ राहत में किया जाना चाहिए।
शिवराज सिंह चौहान ने ‘आइफा’ के कैंसिल होने के मौके पर कहा था कि ‘आइफा’ प्रदेश में बड़े स्तर पर प्लान किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में यह पैसा COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में उपयोग करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में ट्रांसफर किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार मध्य प्रदेश में अब तक 259 संक्रमण के मामले सामने आए है। इनमें 16 की मौत हो चुकी है। अब तक रिकवरी शून्य है।
मध्य प्रदेश में कोरोना मामलों में आई अचानक तेजी के कारण राज्य के मुख्यमंत्री ने बुधवार को तीन बड़े शहरों भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पूरी तरह से सील करने का फैसला किया था। साथ ही संक्रमण के खतरे को देखते हुए 14 जिलों को पूरी तरह लॉकडाउन करने का भी निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार ने आवश्यक सेवाएँ प्रबंधन अधिनियम (एस्मा) को भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे COVID-19 के खिलाफ जारी लड़ाई के दौरान राज्य में जरूरी सेवाओं की आपूर्ति में बाधा नहीं आएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, “जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई दिक्क्त न आने पाए। कोई भी व्यक्ति इन क्षेत्रों में न दाख़िल हो सकेगा न इनसे निकल पाएगा। प्रत्येक विभाग के संसाधनों और सेवाओं का कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।” मुख्यमंत्री का यह निर्णय राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य की स्थिति की समीक्षा के बाद आया।