Sunday, November 17, 2024
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किसानों की जमीन हड़पने वाले न दें नसीहत: प्रियंका गाँधी की स्मृति ईरानी ने की बोलती बंद

"अमेठी में किसानों की ज़मीन हड़पने वाले अमेठी के प्रशासन एवं सरकार को नसीहत देने के बजाए किसानों की जमीन उन्हें लौटा दें। पाँच सालों से मेरा आग्रह रहा है, लेकिन जिसने यह बयान अभी दिया है, उसके कान पर जू नहीं रेंगी है।"

केंद्रीय कपड़ा, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार (30 अक्टूबर) को गाँधी परिवार के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अपनाते हुए कहा कि वो उत्तर प्रदेश सरकार को नसीहत न दे। स्मृति ईरानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिनके परिजनों पर गबन और किसानों की ज़मीन हड़पने के आरोप लगे हैं, वो अपने गिरेबाँ में झाँक कर देखें और प्रदेश सरकार व अमेठी के प्रशासन को नसीहत न दें। केंद्रीय मंत्री बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुँची थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बातें कही।

दरअसल, अमेठी में पुलिस अभिरक्षा में हुई एक व्यक्ति मौत पर कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने ट्वीट किया था, इसमें उन्होंने लिखा था, “यूपी पुलिस अपराधियों पर मेहरबान है लेकिन हर दिन नागरिकों को परेशान करने में माहिर है। प्रतापगढ़ के सत्य प्रकाश शुक्ला का परिवार बता रहा है कि उनको बच्चों के सामने टॉर्चर किया गया। हापुड़ में इस तरह की घटना हुई थी। भाजपा सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही।”

केंद्रीय मंत्री ने प्रियंका गाँधी पर पलटवार करते हुए कहा कि किसानों की ज़मीन हड़पने वाले अमेठी के प्रशासन एवं सरकार को नसीहत देने की बजाए किसानों की ज़मीन उन्हें लौटा दे। उन्होंने कहा, “मैं इस बात से पूर्णत: सहमत हूँ और विश्वास प्राप्त कर चुकी हूँ कि सरकार परिवारों को न्याय पहुँचाएगी। अमेठी में किसानों की ज़मीन हड़पने वाले अमेठी के प्रशासन एवं सरकार को नसीहत देने के बजाए किसानों की जमीन उन्हें लौटा दें। पाँच सालों से मेरा आग्रह रहा है, लेकिन जिसने यह बयान अभी दिया है, उसके कान पर जू नहीं रेंगी है।”

स्मृति ईरानी ने कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि हम सभी को मिलकर जनता के लिए काम करना है। अगर समाज का एक भी व्यक्ति लाभ से वंचित रह जाता है तो हम अपने मिशन को कामयाब नहीं कर सकते हैं। गाँव-गाँव जाने की ज़रूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता के बीच रखें और जन जागरूकता के तहत उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाएँ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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