वाराणसी के राष्ट्रीय हिन्दू दल ने अयोध्या के धन्नीपुर में बन रही मस्जिद में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मूर्ति लगाने का ऐलान किया है। दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मस्जिद में मुलायम की मूर्ति स्थापित किए जाने के समय अखिलेश यादव से मौजूद रहने को लेकर पत्र भेजा है।
रोशन पाण्डेय ने अखिलेश यादव को भेजे गए पत्र में लिखा है कि उनके ‘जन्नती पिता मुलायम सिंह’ जिन्दगी भर मुस्लिम समुदाय के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर ना बने, इसके लिए पूरे जीवन संघर्ष किया और कारसेवकों की लाशें बिछा दी। आगे रोशन पाण्डेय ने कहा है कि राम मंदिर में भले ही मुलायम सिंह यादव का कोई योगदान ना हो लेकिन अयोध्या के धन्नीपुर में कोर्ट के निर्णय से बन रही मस्जिद के निर्माण में उनका योगदान जरूर है।
रोशन पाण्डेय ने इसी योगदान के चलते उनको श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी एक मूर्ति इस मस्जिद में स्थापित करने की बात कही है। रोशन पाण्डेय ने कहा है कि इस मूर्ति का पत्थर किछौछा शरीफ दरगाह से मँगाया जाएगा। इसके बाद इस पत्थर को अजमेर शरीफ, हाजीअली, दारूल उलूम देवबंद और कलियर शरीफ जैसी दरगाहों के पानी से पाक किया जाएगा।
रोशन पाण्डेय ने कहा है कि इस दौरान वह उन मुस्लिम मौलानाओं को भी आमंत्रित करेंगे, जिनके साथ मुलायम सिंह यादव रोजा इफ्तारी करते थे। साथ ही रोशन पाण्डेय ने पूछा है कि यदि अखिलेश यादव चाहें तो दिल्ली की जामा मस्जिद से एक नमाजी टोपी मँगा कर भी मूर्ति के ऊपर रख दी जाएगी। पाण्डेय ने बताया है कि मुलायम सिंह की यह मूर्ति वैसी होगी, जैसे वह मुस्लिमों के साथ इफ्तारी में खजूर खाते हुए दिखते थे।
रोशन पाण्डेय ने कहा है कि मस्जिद में इस मूर्ति को लगाने का कार्यक्रम अखिलेश यादव के दिए हुए समय पर ही किया जाएगा। उन्होंने यह भी अपील की है कि इस कार्यक्रम में फिलिस्तीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान और फिलिस्तीन-गाजा जैसे मुस्लिम देशों से मुस्लिमों को बुलाकर जय समाजवाद का नारा लगाया जाए।
रोशन पाण्डेय ने साथ ही में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमीयत उलेमा उल हिन्द से मस्जिद के प्रांगण में मुलायम सिंह की मूर्ति लगाने की अनुमति माँगी है। उन्होंने कहा है कि वैसे तो वो खुद ही सारा खर्चा उठाएँगे लेकिन कोई कुछ सहयोग दें, तो भी अच्छा रहेगा।
मस्जिद में मूर्ति लगाने पर उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि AIMPLB और जमीयत को इससे ऐतराज हो क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। लेकिन इसका जवाबी तर्क भी खुद ही दे डाला। रोशन पाण्डेय ने तर्क दिया है कि मस्जिद में मुलायम सिंह की मूर्ति से कोई भी समस्या नहीं होनी चाहिए क्योंकि मुहम्मद अली जिन्नाह की तस्वीर AMU में लगी रहे, इसको लेकर काफी बवाल हुआ था। साथ ही उन्होंने कर्नाटक में टीपू सुल्तान की मूर्तियों का उदाहरण भी दिया। उन्होंने इन दोनों संगठनों से यह अपील भी की है कि वह इस मस्जिद का नाम ‘मुलायम मस्जिद’ रख दें।