नरेंद्र मोदी ने विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र के अकोला में अपनी रैली में प्रफुल्ल पटेल के दाऊद-सहयोगी इक़बाल मिर्ची के साथ कथित लिंक सार्वजनिक होने के बाद विपक्षी दलों पर निशाना साधा। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय था जब महाराष्ट्र में आये दिन बम धमाके होते रहते थे। उस समय जिन भी लोगों पर सवाल उठे, धमाकों के वे मास्टरमाइंड बचकर निकल गए और दुश्मन देशों में जाकर बसेरा बना लिया। आज हिन्दुस्तान उन लोगों से पूछता है आख़िर ये कैसे हुआ, देश के इतने बड़े गुनाहगार कैसे भाग गए?
राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पर हमला जारी रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब कोई क्षेत्र विकास के पथ पर बढ़ता है, शहरीकरण तेज़ होता है तो उसे अक्सर बिल्डर माफ़िया की बीमारी भी पकड़ लेती है। 2014 से पहले महाराष्ट्र और मुंबई की स्थिति यही थी। रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डर माफ़िया और अंडरवर्ल्ड का क्या रिश्ता रहा है, कैसे-कैसे काम यहाँ हुए हैं, उसके दाग आज तक कॉन्ग्रेस और NCP के नेताओं पर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र को ख़ून के रंग से रंग देने वालों के साथ इन लोगों की डीलिंग चलती थीं। इन्हें पता था कि इनकी पोल खुलने वाली है, इनके कारनामें सामने आएँगे। इसलिए ये डरे हुए थे और इसलिए पिछले कुछ दिनों से इन्होंने जाँच एजेंसियों और केंद्र सरकार को बदनाम करना शुरू कर दिया, लेकिन वक़्त अब बदल चुका है। हर कारनामें का जवाब देश लेकर रहेगा, महाराष्ट्र की जनता लेकर रहेगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के साथ जुड़ी सम्पतियों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है। मुंबई पुलिस के सूत्रों के अनुसार कई राजनेताओं, कई फ़र्मों और निजी कंपनियों के लिंक उन संपत्तियों के साथ पाए गए।
सूत्रों के अनुसार, ED ने इक़बाल मेमन उर्फ़ मिर्ची नाम के दाऊद के एक प्रमुख सहयोगी की सम्पत्तियों को शून्य कर दिया है। भारत और ब्रिटेन में मिर्ची के व्यापारिक उपक्रमों और सम्पत्तियों पर नज़र रखते हुए, ED को एक ऐसी फ़र्म का पता चला है जिसके तार UPA के पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल और उनकी पत्नी वर्षा पटेल से जुड़े हुए है।
NCP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के साथ वित्तीय लेन-देन से जुड़े पुख़्ता दस्तावेज़ OpIndia के पास मौजूद हैं। हमारे द्वारा एक्सेस किए गए दस्तावेज़ों जिन पर प्रफुल्ल पटेल के हस्ताक्षर हैं उनसे पता चला है कि उन दस्तावेज़ों का संबंध दाऊद इब्राहिम के प्रमुख इक़बाल मेमन से जुड़ा है।
भारत के सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में से एक शरद पवार, जो 1993 के मुंबई बम धमाकों के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, उस समय उन्होंने सेक्यूलरिज्म को बढ़ावा देने और दो सम्प्रदायों के बीच सद्भाव बनाए रखने के नाम पर एक ऐसे बम विस्फोट का आविष्कार कर दिया, जो हुआ ही नहीं था।
मुंबई में हमलों के तुरंत बाद शरद पवार दूरदर्शन स्टूडियो पहुँचे और घोषणा की कि कुल 13 विस्फोट हुए। उन्होंने जिस विस्फोट का अविष्कार किया उसके बारे में उन्होंने बताया कि वो एक मस्जिद में हुआ था। श्रीकृष्ण आयोग के सामने गवाही देते हुए, पवार ने LTTE पर बम विस्फोट का आरोप मढ़ने कोशिश की। जोकि सरासर झूठ था, उन्होंने दावा किया कि ऐसा इसलिए किया गया था, जिससे दोनों मजहबों की झड़पों से बचा जा सके।
बता दें कि हरियाणा और महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएँगे।