उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस अधिकारी शालिनी शर्मा का ट्रांसफर कर दिया है। मुंबई के नागपाड़ा पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर शालिनी शर्मा के साथ सपा विधायक अबू आजमी के बदसलूकी का वीडियो सामने आया था।
महिला पुलिस अधिकारी को अपमानित करने के बाद आजमी ने उनका ट्रांसफर करने की मॉंग की थी। इसके बाद दबाव में शालिनी शर्मा का ट्रांसफर मुंबई के चेंबुर पुलिस स्टेशन में कर दिया गया है।
हालाँकि महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि शालिनी शर्मा ने खुद ट्रांसफर की माँग की थी। उनकी माँग स्वीकार करते हुए ट्रांसफर किया गया है। लेकिन उनका ट्रांसफर आजमी द्वारा धमकाए जाने का वीडियो सामने आने के एक दिन बाद हुआ है।
शर्मा के तबादले को लेकर बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सौमैया ने उद्धव सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि विधायक अबू आजमी ने एक महिला को गाली दी। सोशल डिस्टेंसिग की धज्जियाँ उड़ाई। भीड़ को भड़काया। इस दौरान किसी ने मास्क तक नहीं पहना था। बावजूद इसके उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए सरकार ने महिला पुलिस अधिकारी के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी।
“Vah re Thackeray Sarkar” instead of taking action against MLA Abu Azmi, who abuses Lady Police Officer, Provoking Crowd, Not Wearing Mask in Public/Crowd, You have taken Action against ( Shifted) The Lady Police Officer!!! @MumbaiPolice @BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) May 28, 2020
बता दें समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र राज्य शाखा के अध्यक्ष अबू आज़मी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ नागपाड़ा पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे। आजमी ने शर्मा के सस्पेंड करने की माँग करते हुए कहा था, “ये औरत कहती है कि आप पुलिस पे इल्जाम लगाते हो, मैं बात नहीं करूँगी। तेरे बाप के बाप के बाप को बात करनी पड़ेगी।”
“ये औरत कहती है कि आप पुलिस पे इल्जाम लगाते हो, मै बात नहीं करुंगी। तेरे बाप के बाप के बाप को बात करनी पडेगी” विधायक अबू आजमी का भाषण
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) May 28, 2020
मुंबई सेंट्रल स्टेशन के पास २६ मई की रात. नागपाड़ा पुलिस स्टेशन की शालिनी शर्मा महिला पुलिस ऑफिसर के लिये। ठाकरे सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं pic.twitter.com/4x9A0jqNMB
आज़मी ने शर्मा को उनकी शिकायत गृहमंत्री से भी करने के धमकी दी थी। आज़मी ने महिला अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस ने उनकी शिकायत सुनने से इनकार कर दिया था और उन्हें स्टेशन से जाने के लिए भी कहा था।
आज़मी कहा, “मैं एक जनप्रतिनिधि हूँ, मैं कोई आम आदमी नहीं हूँ। मुझे जनता ने चुना है और हम सरकार के सामने अपने सवाल उठाएँगे। प्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया भारत की आलोचना कर रही है।”
पुलिस अधिकारी से तीखी बहस करने के बाद सोशल डिस्टेंसिग की धज्जियाँ उड़ाते हुए आज़मी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन के सामने इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे थे।