महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उन्होंने आज 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात कही है। आपको बता दें कि सावंत मोदी कैबिनेट में भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री हैं।
Union Minister of Heavy Industries and Public Enterprises & Shiv Sena MP Arvind Sawant: I am resigning from my ministerial post. pic.twitter.com/6UVYpXK6Sa
— ANI (@ANI) November 11, 2019
बता दें कि राज्य में हाल के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी ने सरकार बनाने में असमर्थता जताई। जिसके बाद राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि शिवसेना कॉन्ग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना सरकार का गठन कर सकती है। उल्लेखनीय है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) ने कहा है कि यदि शिवसेना एनडीए का साथ छोड़ देती है तो महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उसे समर्थन देने पर विचार हो सकता है।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि यदि शिवसेना को हमारा समर्थन चाहिए तो उसे बीजेपी के साथ सारे रिश्ते तोड़ने का ऐलान करना होगा। उसे एनडीए से बाहर आना होगा और मोदी कैबिनेट में शामिल उसके पार्टी नेताओं को इस्तीफा देना होगा।
शिवसेनेची बाजू सत्याची आहे. अशा खोट्या वातावरणात दिल्लीतील सरकार मध्ये तरी का रहायचे?
— Arvind Sawant (@AGSawant) November 11, 2019
आणि म्हणूनच मी केंद्रीय मंत्री पदाचा राजीनामा देत आहे. या संदर्भात आज सकाळी ११.०० वा. दिल्ली येथे मी पत्रकार परिषद (Press Conference) घेणार आहे.
और अब ऐसा लग रहा है कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने एनसीपी की शर्तों को मानते हुए केंद्र में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है। अरविंद सावंत ने मराठी में ट्वीट किया, “शिवसेना का पक्ष सत्य के साथ है। ऐसे खराब माहौल में दिल्ली की सरकार में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूँ और आज 11 बजे प्रेस के सामने अपना पक्ष रखूँगा।” सावंत के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे के ऐलान के साथ ही यह साफ हो गया है कि शिवसेना ने एनडीए छोड़ने का मन बना लिया है।
गौरतलब है कि बीजेपी 105 सीट लेकर सबसे बड़ी पार्टी लेकर उभरी तो शिवसेना को 56 सीटें मिली। जो जरुरी बहुमत 145 से कहीं अधिक ज्यादा था। वहीं कॉन्ग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली है। राज्य विधानसभा में कुल 288 सीटें है। लेकिन शिवसेना ने सीएम पद पर दावेदारी ठोक दिया। और बीजेपी ने शिवसेना की माँग 50-50 के फार्मूले को नकार दिया है। जिसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया है।