भू-माफिया घोषित किए गए सपा सांसद आजम खान ने फिर से विवादित बयान दिया है। उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद आजम खान ने कहा है कि मुस्लिम देश के बँटवारे के वक्त पाकिस्तान न जाने की सजा भुगत रहे हैं। 1947 के बाद से ही मुस्लिम मॉब लिंचिंग का शिकार हो रहे हैं। अगर उस समय मुस्लिम पाकिस्तान चले गए होते तो उन्हें ये सजा नहीं मिलती। मुस्लिम यहाँ हैं, तो सजा तो भुगतेंगे ही।
Azam Khan,Rampur MP on mob lynching incidents:It’s the punishment Muslims are getting after 1947.Muslims will face it whatever may it be.Why didn’t our ancestors go to Pakistan?Ask this to Maulana Azad,Jawaharlal Nehru, Sardar Patel&Bapu.They had made promises to Muslims. (19.07) pic.twitter.com/RoRWpm8JqV
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
आजम खान का कहना है कि उनके पूर्वजों ने भारत को अपना वतन माना और अब उन्हें इसकी सजा भुगतनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज पाकिस्तान क्यों नहींं गए, यह बात मौलाना आजाद, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और बापू से पूछना चाहिए। उन्होंने मुस्लिमों से सुरक्षा का वादा किया था। आजम खान का कहना है कि मुस्लिम बँटवारे के हिस्सेदार नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्हें बँटवारे की सजा मिल रही है।
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार (जुलाई 19, 2019) को आजम खान को भू-माफिया की लिस्ट में शामिल किया था। उन पर जमीन कब्जाने के करीब 23 मामले दर्ज हैं। जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
Ajay Pal Sharma,SP Rampur: Till date 23 FIRs have been registered against SP MP Azam Khan in connection with land encroachment. As per the complaints filed by farmers police officials used to threaten them &grab the land illegally.A team has been formed to investigate the matter. pic.twitter.com/IRWHu1aBU6
— ANI UP (@ANINewsUP) July 19, 2019
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के मुताबिक भू-माफिया उन्हें घोषित किया जाता है जो दंबगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हों, जो अवैध कब्जा छोड़ने के लिए तैयार न हों और जिनके नाम अवैध तरीके से जमीन हथियाने संबंधी मामले के मद्देनजर पुलिस केस में दर्ज हो। ऐसे लोगों का नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है और सरकार इनकी निगरानी करती है। भू-माफियाओं की पहचान इस पोर्टल की शुरुआत 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी।