असम सरकार की दो बच्चों की नीति पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने करारा हमला बोला है। अजमल का कहना है कि मुस्लिम बच्चे पैदा करते रहेंगे और वे किसी की नहीं सुनेंगे। बता दें कि असम भाजपा सरकार ने उन लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला किया है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं।
बदरुद्दीन अजमल ने शनिवार (अक्टूबर 26, 2019) को गुवाहाटी में कहा, “मैं निजी तौर पर मानता हूँ और हमारा धर्म भी मानता है कि जो लोग दुनिया में आना चाहते हैं, उन्हें आना चाहिए और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है।”
असम में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को निशाने पर लेते हुए बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि असम सरकार चाहे जो भी कानून बना लें, लेकिन मुस्लिमों पर उसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। उनका कहना है कि प्रकृति को छूने की कोशिश करना ठीक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चा पैदा करने के लिए जो भी करना होगा, मुस्लिम करेंगे। बाद में यह मत कहना कि हमारे बच्चे अधिक हैं। साथ ही उन्होंने प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करने की भी हिदायत दी।
Badruddin Ajmal,All India United Democratic Front chief on Assam govt’s decision that people with more than 2 children wouldn’t be eligible for govt jobs:Islam doesn’t believe in the concept of having only 2 children. No one can stop the people who’re bound to come to this world. pic.twitter.com/CdkwqIZUt0
— ANI (@ANI) October 27, 2019
बदरुद्दीन का कहना है कि असम सरकार मुस्लिमों को सरकारी नौकरी देने से रोकने के लिए यह कानून लाई है। उन्होंने कहा कि सचर समिति के अनुसार अभी 2 फीसदी से भी कम मुस्लिमों को सरकारी नौकरी मिलती है। अब मुस्लिम समुदाय के बीच भी साक्षरता बढ़ रही है और वो दुनिया भर में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ RSS और मोहन भागवत कहते हैं कि 10-10 बच्चे पैदा करो और दूसरी तरफ सरकार कहती है कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। पहले यह तय कर लें कि वे क्या चाहते हैं। आरएसएस जो कहता है वे (बीजेपी सरकार) उसे मानते नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की कैबिनेट ने 22 अक्टूबर को यह फैसला लिया कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। कैबिनेट फैसले के मुताबिक 1 जनवरी, 2021 के बाद से दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को कोई सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी।