नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में बदलाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी ने अपनी याचिका में कहा है कि संसद द्वारा स्वीकृत कानून और इसके बाद राष्ट्रपति की ओर से जारी आदेश ‘असंवैधानिक’ है, इसलिए उन्हें ‘अमान्य एवं निष्प्रभावी’ घोषित कर दिया जाए।
लोन और मसूदी दोनों नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सदस्य हैं। लोन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं, मसूदी जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने से पहले केन्द्र सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया था। बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
National Conference MPs, Mohd. Akbar Lone and Hasnain Masoodi move the Supreme Court challenging scrapping of Article 370 in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/EXzdU57N7k
— ANI (@ANI) August 10, 2019
इससे पहले 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा था कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर नियत समय पर ही सुनवाई होगी। यह याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी।
बीते दिनों अनुच्छेद 370 के पहले खंड को छोड़कर बाकी सभी खंडों को समाप्त कर दिया गया था। इससे जम्मू कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया। साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित कर दिया है। मोदी सरकार के दोनों ही फैसलों पर पिछले दिनों नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।