पंजाब कॉन्ग्रेस में चल रहे घमासान के बीच मंगलवार (28 सितम्बर, 2021) को पंजाब कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिद्धू ने 72 दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कुछ दिन पहले ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद से सिद्धू पर सुपर सीएम होने के भी आरोप लग रहे थे। सिद्धू ने सोनिया गाँधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी को संबोधित अपने त्यागपत्र में सिद्धू ने लिखा, “समझौता करने से व्यक्ति का चरित्र खत्म हो जाता है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब की जनता के कल्याण के एजेंडा से कभी समझौता नहीं कर सकता हूँ। उन्होंने आगे लिखा, इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूँ। मैं कॉन्ग्रेस की सेवा करता रहूँगा।”
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 28, 2021
हालाँकि, सिद्धू ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को लिखे खत में कहा कि वे कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे।
बता दें कि पंजाब में आज ही नए मंत्रियों के बीच विभागों का बँटवारा हुआ है और इसके चंद घंटे बाद ही सिद्धू ने सोनिया गाँधी को इस्तीफा भेज दिया। इसके पीछे कुछ कारण खास है फिलहाल सबकुछ ठीक नहीं ये कयास लगाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि आज मंगलवार को ही पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात पर अटकलों का सिलसिला अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि नवजोत सिद्धू ने इस्तीफा देकर नया धमाका कर दिया। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सिद्धू इकबाल प्रीत सहोता को डीजीपी बनाए जाने से नाराज थे। इसके साथ ही कुछ और संभावित कारण बताए जा रहे हैं।
सिद्धू की नाराजगी के मुख्य कारण: रिपोर्ट्स
- राणा गुरजीत सिंह को नवजोत सिंह सिद्धू के विरोध के बावजूद मंत्री बनाना
- सुखजिंदर रंधावा को गृह विभाग देना
- एपीएस देयोल को एडवोकेट जरनल बनाना
- कुलजीत नागरा को मंत्रिमंडल में शामिल न करना
- मंत्रिमंडल के गठन ओर मंत्रियों के पोर्टफोलियो बँटवारे में सिद्धू की राय न लिया जाना
- सीएम न बनाए जाने से नाराजगी