राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (राकांपा) केंद्र और महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों का हिस्सा रही है। महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में भी दोनों दल शामिल हैं। फिर भी राकांपा प्रमुख शरद पवार समय-समय पर कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते रहते हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल गाँधी में एक राष्ट्रीय नेता के रूप में कुछ हद तक ‘निरंतरता’ की कमी लगती है। इससे पहले चीन को लेकर राहुल गाँधी की बयानबाजी पर सवाल उठाते हुए पवार ने कहा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए।
लोकमत मीडिया के अध्यक्ष और पूर्व सांसद विजय दर्डा को दिए हालिया साक्षात्कार में पवार ने राहुल गाँधी की निरंतरता को लेकर बयान दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या वायनाड के सांसद को देश का नेता मानने के लिए तैयार है, पवार ने जवाब दिया, “ इस संबंध में कुछ सवाल हैं। उनमें निरंतरता की कमी लगती है।”
गौरतलब है कि शरद पवार की राकांपा महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस पार्टी और शिवसेना के साथ गठबंधन में है और वर्तमान में राज्य में शासन कर रही महा विकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा भी है।
हालाँकि पवार ने राहुल पर बराक ओबामा की टिप्पणियों को लेकर आपत्ति जताई। दरअसल, ओबामा ने अपने हाल ही में प्रकाशित संस्मरण में कहा है कि राहुल गाँधी शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उस उत्सुक छात्र की तरह लगते हैं जिसमें विषय में महारत हासिल करने के लिए योग्यता और जुनून की कमी है। इसको लेकर पवार ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम सभी के विचार को स्वीकार करें।
पवार ने कहा, “मैं अपने देश के नेतृत्व के बारे में कुछ भी कह सकता हूँ। लेकिन मैं दूसरे देश के नेतृत्व के बारे में बात नहीं करूँगा। सभी को उस सीमा को बनाए रखना चाहिए। मुझे लगता है कि ओबामा ने उस सीमा को पार कर लिया।”
कॉन्ग्रेस के भविष्य और यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गाँधी पार्टी के लिए ‘बाधा’ बन रहे हैं तो पवार ने वायनाड सांसद का बचाव करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी का नेतृत्व इस बात पर निर्भर करता है कि संगठन के भीतर उन्हें कैसे स्वीकार किया जाता है। एनसीपी प्रमुख ने कहा,”कॉन्ग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी और उनके परिवार के साथ मेरे मतभेद हैं, लेकिन आज भी कॉन्ग्रेसियों में गाँधी परिवार के प्रति स्नेह की भावना है।”
उल्लेखनीय है कि राहुल गाँधी पर पवार द्वारा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने के लिए कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत सबसे पहले सामने आए। सावंत ने कहा, “हमें नहीं पता कि पवार साहब ने किस संदर्भ में टिप्पणी की है। हालाँकि, कॉन्ग्रेस और हमारे नेता राहुल गाँधी आरएसएस और मोदी सरकार के विरोध में किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में अधिक सुसंगत रहे हैं।”
शरद पवार की टिप्पणी के बचाव में भले कॉन्ग्रेस नेता सामने आए हों लेकिन 2019 के आम चुनावों में करारी हार के बाद से राहुल गाँधी के नेतृत्व को लेकर पार्टी की भीतर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अगस्त 2020 में सोनिया गाँधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की माँग की थी।