महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस की सरकार के अस्तित्व में आते ही विचराधारा का टकराव सामने आने लगा है। एनसीपी के एक नेता ने भीमा कोरेगॉंव हिंसा मामले में आरोपित लोगों के खिलाफ मामला बंद करने की मॉंग की है।
हाल ही में इस मामले में पुणे सेशंस कोर्ट ने 6 आरोपितों की जमानत याचिका खारिज की थी। ये हैं- रोना विल्सन, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, वरवारा राव और सुधीर धवले। अन्य तीन आरोपितों सुधा भारद्वाज, वर्नन गोंजाल्वेस और अरुण फरेरा की जमानत याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने पहले ही ठुकरा दी थी।
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने माँग की है कि भीमा कोरेगाँव मामले में दर्ज मामले वापस लिए जाए। उनका कहना है कि पिछली सरकार ने फर्जी मामले दर्ज किए थे। उन्होंने ट्वीट कर इसे वापस लेने को कहा है। अपने इस ट्वीट में एनसीपी नेता ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल को भी टैग किया है।
आरे चे आंदोलन करणारे सुटले …. #भिमाकोरेगाव मध्ये खोटे गुन्हे दाखल केले मागच्या सरकारनी
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) December 1, 2019
आता ह्या माझ्या सरकारनी ते गुन्हे मागे घ्यावेत @OfficeofUT @Jayant_R_Patil
होय … हे आपले सरकार …#MahaVikasAghadi
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार (दिसंबर 01, 2019) शाम को बताया था कि उनकी सरकार ने मुंबई में आरे मेट्रो कार शेड निर्माण के खिलाफ आंदोलन करने वालों पर दर्ज मुकदमा को वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में बताया कि मैंने आरे मेट्रो कार शेड के खिलाफ आंदोलन करने वाले कई लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आदेश दिया है। उद्धव ठाकरे के इस आदेश के बाद एनसीपी नेता ने ट्वीट करते हुए भीमा-कोरेगाँव हिंसा मामले में केस वापस लेने की माँग की है।
गौरतलब है कि भीमा-कोरेगाँव लड़ाई जनवरी 1818 को पुणे के पास हुई थी। ये लड़ाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और पेशवाओं की फौज के बीच हुई थी। इस लड़ाई में अंग्रेज़ों की तरफ से महार जाति के लोगों ने लड़ाई की थी और इन्हीं लोगों की वजह से अंग्रेज़ों की सेना ने पेशवाओं को हरा दिया था। महार जाति के लोग इस युद्ध को अपनी जीत और स्वाभिमान के तौर पर देखते हैं और इस जीत का जश्न हर साल मनाते हैं।
Bhima Koregaon Case: Pune Sessions Court today rejected bail application of 6 accused namely Rona Wilson, Shoma Sen, Surendra Gadling, Mahesh Raut, Varvara Rao&Sudhir Dhavle. Bail plea of Sudha Bhardwaj,Vernon Gonsalves&Arun Ferreira was rejected by Bombay HC earlier. https://t.co/W8UNQLFGc1
— ANI (@ANI) November 6, 2019
जनवरी 2018 में पुणे के नजदीक भीमा-कोरेगाँव युद्ध के 200 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भीमा-कोरेगाँव विजय स्तंभ पर जाने वाली गाड़ियों पर किसी ने हमला बोल दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसके बाद भीमा-कोरेगाँव में दंगा भड़काने के आरोप में 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और पाँच लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल किया जा चुका है। इसमें मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक आनंद तेलतुम्बडे भी शामिल हैं।