जैसा कि लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने यह अंदेशा जताया था कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बन सकती है। कई तथाकथित बुद्धिजीवियों ने विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस और भाजपा के बीच हो रहे मुक़ाबले पर तीखी टिप्पणियाँ की थी। योगेंद्र यादव ने कहा था कि कॉन्ग्रेस को मर जाना चाहिए। स्वयंभू विद्वान, फिक्शन राइटर और ‘उपन्यासकार’, और अपनी कल्पना को इतिहास के रूप में लिखने एवं नेहरू के प्रति निष्ठा रखने वाले रामचंद्र गुहा ने अब कॉन्ग्रेस पार्टी को गाँधी वंश से मुक्त होने के लिए कहा है।
India is becoming more authoritarian at the top, but less feudal at the bottom. Younger Indians find the idea of a fifth generation dynast being appointed President of India’s oldest party only because of whose son and grandson he is, absolutely repugnant. And rightly so.
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) May 22, 2019
गुहा ने कहा कि नया भारत निचले पायदान पर कम सामंती है और शीर्ष पर अधिक अधिनायकवादी। उन्होंने कहा कि लोगों को यह बात अस्वीकार्य लगती है कि पाँचवीं पीढ़ी के राजवंश को भारत की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के लिए केवल इस बात पर ग़ौर किया गया कि वो किसका बेटा और पोता है।
गुहा ने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी को ज़िंदा रहने के लिए अपनी राजवंश की छवि को ख़त्म करना पड़ेगा। यहाँ तक कि कॉन्ग्रेस के निष्ठावान राजदीप सरदेसाई ने भी एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद ईवीएम फ़र्जीवाड़े की झूठी ख़बर उठाने के लिए विपक्षी नेताओं की खिंचाई की थी।
राजदीप ने तर्क दिया था कि विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से बनाए गए हैं। वाराणसी को वीवीआईपी निर्वाचन क्षेत्र में बदलने के लिए पीएम मोदी का ज़िक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि घाटों की अधिकता, शहर की सड़कों में सुधार, चौड़ी सड़कों और वाराणसी में बिजली की बाधित आपूर्ति का श्रेय पीएम मोदी को दिया जाना चाहिए।