कॉन्ग्रेस के प्रचार को अद्भुत बनाने के लिए नए-नए हथकंडे इस्तेमाल हो रहे हैं। पार्टी के नेताओं और गाँधी परिवार को जमीन से जुड़ा साबित करने के लिए अलग-अलग तस्वीरें दिखाई जा रही हैं। इसी क्रम में प्रियंका गाँधी की एक वीडियो भी सामने आई है। इसमें प्रियंका अंधेरे में खड़े होकर रायबरेली में भाषण दे रही हैं और जनता टॉर्च जलाए हुए हैं। उनका यह ट्वीट देखने के बाद पत्रकार से फिल्म डायरेक्टर बने अविनाश दास भी उनकी चापलूसी में लग गए और प्रियंका गाँधी द्वारा अंधेरे में व बिन माइक के दिए गए भाषण को ‘कविता’ बताने लगे।
रायबरेली की बछरावां विधानसभा। कोई एक चौराहा। रात थी और दूर दूर तक अंधेरा। भीड़ ने अपने हाथों में रोशनी की ज़िम्मेदारी ली और जुगनू की तरह टिमटिमाती हुई प्रियंका गांधी बिना माइक के चमक उठीं, गरज उठीं। जब मैं इस दृश्य को देख रहा था, तब मेरे लिए ये महज़ एक दृश्य नहीं, पूरी की पूरी… pic.twitter.com/kjopDpXJqD
— Avinash Das (@avinashonly) May 8, 2024
अविनाश दास को शायद लगा कि इस ट्वीट से लोगों में प्रियंका गाँधी की क्रांतिकारी छवि बनेगी, लेकिन हो इसका उलटा गया। दरअसल, प्रियंका गाँधी की वीडियो शेयर करके अविनाश दास ने लिखा था- “रायबरेली की बछरावां विधानसभा। कोई एक चौराहा। रात थी और दूर दूर तक अंधेरा। भीड़ ने अपने हाथों में रोशनी की ज़िम्मेदारी ली और जुगनू की तरह टिमटिमाती हुई प्रियंका गाँधी बिना माइक के चमक उठीं, गरज उठीं। जब मैं इस दृश्य को देख रहा था, तब मेरे लिए ये महज़ एक दृश्य नहीं, पूरी की पूरी कविता थी।”
उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने अनिवाश दास का मजाक तो उड़ाया ही, साथ ही कॉन्ग्रेस पर भी निशाना साध दिया। लोगों ने पूछा कि प्रियंका गाँधी का भाषण को कविता जैसा बताने वाले दास को दलाली छोड़ ये सवाल करना चाहिए था कि आखिर प्रियंका गाँधी को उस क्षेत्र में अंधेरे में भाषण क्यों देना पड़ा, जहाँ सालों से उनके परिवार का राज रहा है।
लेकिन दूर दूर तक अंधेरा था ही क्यों? इतने साल बाद भी देश के सबसे ताकतवर परिवार के क्षेत्र की ऐसी हालत? दुख हुआ जान कर 🙏 कम से कम पिछले 10 साल में सोलर लाइट्स ही लगवा देते यहां के विधायक/सांसद… https://t.co/r2XtEcWo5m
— richa anirudh (@richaanirudh) May 10, 2024
पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने अविनाश दास के ट्वीट पर पूछा, “लेकिन दूर दूर तक अंधेरा था ही क्यों? इतने साल बाद भी देश के सबसे ताकतवर परिवार के क्षेत्र की ऐसी हालत? दुख हुआ जान कर, कम से कम पिछले 10 साल में सोलर लाइट्स ही लगवा देते यहाँ के विधायक/सांसद…।”
राहुल गुप्ता ने लिखा, कॉन्ग्रेस की खानदानी सीट होने के बावजूद ऐसी क्या मजबूरी आ पड़ी कि अंधेरे में मोबाइल फ्लैश का उपयोग करके भाषण देना पड़ रहा है। चमचे जिसे प्रियंका गाँधी का स्वैग बता रहे हैं। दरअसल वह कॉन्ग्रेस के खानदानी सीट की शर्मनाक हकीकत है। चमचे इस वीडियो को दिखाकर वाहवाही लूटने की सोच रहे हैं… जैसे उसकी मालकिन वैसे उसके चमचे…।
कांग्रेस की खानदानी सीट होने के बावजूद ऐसी क्या मजबूरी आ पड़ी कि अंधेरे में मोबाइल फ्लैश का उपयोग करके भाषण देना पड़ रहा है। चमचे जिसे प्रियंका गांधी का Swag😎 बता रहे हैं दरअसल वह कांग्रेस के खानदानी सीट की शर्मनाक हकीकत है। चमचे इस वीडियो को दिखाकर वाहवाही लूटने की सोच रहे…
— Rahul Gupta (𝐌𝐨𝐝𝐢'𝐬 𝐅𝐚𝐦𝐢𝐥𝐲) (@rahulguptaglg) May 9, 2024
एक यूजर ने कहा, “तुम जैसे मूर्ख कविता लिखते रह गए और गाँधी खानदान पिछले कई दशकों तक रायबरेली और अमेठी में राज करता रहा। फिर भी बिजली, पानी जैसी आवश्यकता की चीजें नहीं दे पाए, जिसका उदाहरण तुम्हारे सामने है। ये देखकर तुम्हें शर्म नहीं आ रही। तुम उनके चरण चाटने में लगे हो।”
तुम जैसे मूर्ख कविता लिखते रह गये और गांधी खानदान पिछले कही दशको तक बछरावा रायबरेली और अमेठी में राज करता रहा फिरभी बिजली पाणी जैसी आवश्यक चीजे नही दे पाये जिसका उदाहरण तुम्हारे सामने है ये देखकर तुम्हे फिरभी शर्म नही आयी तुम फिर चरन चाटणे चले आये
— gdRathod (@gajanan_ra55704) May 9, 2024
यूजर्स ने कहा कि 70 साल तक जहाँ गाँधी परिवार जमा रहा। वहाँ अगर सड़क पर स्ट्रीट लाइट नहीं है तो इसमें महिमामंडन करने वाली बात होनी चाहिए या फिर शर्म करने की।
जब कोई दर्ज़ी फटे हुए लंगोट में अपनी दरिद्रता पर गर्व करता पहलवानी करने आये तो लोगों के मन में ये हास्यभाव स्वतः ही उठ जाता है की भई पहले अपना लंगोट तो सिल ले।
— रोहितsharma🇮🇳 (@rishu5171) May 9, 2024
यही भाव अंधेरे में खड़ी उस स्त्री को देखकर आ रहा है जो उस वंश से ही जिसने यहाँ ५० वर्ष सत्ता भोग किया।
रोहित नाम के यूजर ने कहा, “जब कोई दर्ज़ी फटे हुए लंगोट में अपनी दरिद्रता पर गर्व करता पहलवानी करने आए तो लोगों के मन में ये हास्यभाव स्वतः ही उठ जाता है की भई पहले अपना लंगोट तो सिल ले। यही भाव अंधेरे में खड़ी उस स्त्री को देखकर आ रहा है जो उस वंश से ही जिसने यहाँ 50 वर्ष सत्ता भोग किया।”
बता दें कि प्रियंका गाँधी 8 मई को रायबरेली में जनसभा को संबोधित करने गईं थीं। उन्होंने इसकी क्लिप शेयर करते हुए कहा था कि पिछले सौ साल का इतिहास कहता है कि रायबरेली हमेशा लोकतंत्र के साथ खड़ा रहा है। आजादी से पहले यहाँ के किसानों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन किया और उसके बाद भी हमेशा राजनीति को दिशा दिखाई है।
आज़ादी के बाद 17 बार आपके सांसद रहे , आपके परिवार ने लगभग 65 साल रायबरेली पर राज किया , 1952 में आपके दादा , उसके बाद दादी माँ आदरणीय प्रधानमन्त्री "इंदिरा जी" , और 2024 तक आपकी माँ आदरणीय "सोनिया जी"।
— ocean jain (@ocjain4) May 8, 2024
अब आ रहे हैं आपके 'बाबाजी'
फिर भी आपको टोर्च की रोशनी में जनसभा को संबोधित…
उनकी इस क्लिप पर भी नेटिजन्स ने काफी मजाक बनाया था। उन्हें कहा गया था कि आजादी के बाद 17 बार उनकी पार्टी के लोग जिस जगह से सांसद रहे, 65 साल तक राज किया। फिर भी क्या कारण है टोर्च की रौशनी में जनता को संबोधित करना पड़।