कॉन्ग्रेस की ‘ऑक्सीजन स्टंट’ में उलझने की वजह से फिलीपींस के बाद अब न्यूजीलैंड उच्चायोग की भी किरकिरी हो रही है। फिलीपींस दूतावास के अगले ही दिन न्यूजीलैंड के उच्चायोग ने भी यूथ कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी से ऑक्सीजन के लिए मदद माँगी।
भारत के न्यूजीलैंड उच्चायोग ने रविवार (2 मई) को किए गए एक ट्वीट में विदेश मंत्रालय दरकिनार करते हुए विपक्षी कॉन्ग्रेस पार्टी की यूथ विंग से ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए मदद माँगी। इस ट्वीट में कहा गया है, “श्रीनिवास बीवी, क्या आप न्यूजीलैंड उच्चायोग में तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद कर सकते हैं? धन्यवाद।”
श्रीनिवास बीवी इसके बाद अन्य कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ न्यूजीलैंड उच्चायोग पहुँचे। उन्होंने ट्वीट किया, “हम ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ न्यूजीलैंड उच्चायोग पहुँचे हैं। कृपया द्वार खोलें और समय पर एक जान बचाएँ। #SOSIYC”
एक अन्य ट्वीट में, उन्होंने सूचित किया, ”अपडेट- न्यूजीलैंड उच्चायोग ने दूतावास के गेट खोल दिए और सिलेंडर स्वीकार कर लिए। साथ ही, उन्होंने इस त्वरित राहत के लिए #SOSIYC टीम को धन्यवाद दिया क्योंकि दूतावास के अंदर रोगी गंभीर रूप से बीमार था।”
इसके बाद नेटिजन्स ने तुरंत ही सोशल मीडिया पर न्यूजीलैंड दूतावास की कार्रवाई पर सवाल उठाए। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने ट्वीट किया, ”MEA ने स्पष्ट किया है कि फिलीपींस के दूतावास में COVID के जीरो मामले हैं। उस दूतावास को ऑक्सीजन देने की कोशिश कर रहे IYC के स्टंट को देखते हुए, न्यूजीलैंड दूतावास के एक सोशल मीडिया हैंडलर ने MEA से अनुरोध किए बिना ट्वीट किया। न्यूजीलैंड के उच्चायोग ने इस गलत सूचना के लिए अब MEA से माफी माँगी है।”
MEA has clarified that Embassy of Philippines has 0 COVID cases.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) May 2, 2021
Looking at IYC’s stunt of trying to give oxygen to that Embassy, a social media handler of Embassy of New Zealand tweeted without putting request to MEA.
HC of NZ has now apologized to MEA for this misinformation. https://t.co/Z81xtcQdhq
वयोवृद्ध पत्रकार कंचन गुप्ता ने पूछा कि क्या युवा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष से पूछने से पहले न्यूजीलैंड के उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था। उन्होंने ट्वीट किया, “लेकिन किसके लिए @NZinIndia तत्काल ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है? उनकी जरूरत किसे है? @MEAIndia से संपर्क किया गया था?”
So why did they delete tweet? Are foreign missions hoarding oxygen? NZ High Commission @NZinIndia
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) May 2, 2021
must make public statement if any NZ diplomat or NZ staff posted in Delhi is down with @COVID19 and @MEAIndia did not respond.
In absence of statement we must assume it is hoarding. pic.twitter.com/DQhQFGfQ3k
उन्होंने आगे सवाल किया, “क्या न्यूजीलैंड दूतावास ने अपने दरवाजे खोले हैं? न्यूजीलैंड उच्चायोग को बताना चाहिए 1. उन्होंने ऑक्सीजन किससे माँगी? 2. क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील से पहले MEA से संपर्क किया था? 3. यदि हाँ, तो MEA की प्रतिक्रिया क्या थी? (मैं यह भी नहीं पूछूँगा कि दिल्ली में IYC के लोगों को ऑक्सीजन कहाँ मिल रहा है क्योंकि ICUs तक में इसकी कमी है।)”
विवाद के बाद, भारत में न्यूजीलैंड दूतावास ने अपना प्रारंभिक ट्वीट हटा दिया और माफी माँगी। उन्होंने लिखा, “ऑक्सीजन सिलेंडर की तत्काल व्यवस्था के लिए हम सभी स्रोतों से कोशिश कर रहे थे। दुर्भाग्य से हमारी अपील का गलत अर्थ निकाला गया है, जिसके लिए हमें खेद है।”