केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अनुशासन के लिए जाने जाते हैं और उनकी प्रशासनिक क्षमता की भी अक्सर चर्चा होते रहती है। गडकरी को मोदी सरकार के सबसे ज्यादा परफॉर्म करने वाले मंत्रियों में से एक गिना जाता है। मीडिया से चर्चा के दौरान भी वह पत्रकारों को अपने किसी दावे को झूठा साबित करने की चुनौती देते हैं। लेकिन, हाल ही में ऐसा वाकया हुआ कि गडकरी भी नाराज हो गए। केंद्रीय मंत्री ने न सिर्फ़ अपने विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि जनता की शिकायतों के बाद यह भी निश्चित किया कि एक समयावधि के भीतर चीजों को ठीक किया जा सके।
दरअसल, महाराष्ट्र के औरंगाबाद-सिल्लोड-जलगाँव को आपस में जोड़ने वाले हाइवे की स्थिति जर्जर हो चुकी है। अजंता की गुफाओं तक पहुँचने के लिए पर्यटक इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में लोगों ने सीधे केंद्रीय मंत्री से शिकायत की। ट्विटर पर गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें इस बात की सूचना मिली है कि औरंगाबाद-सिल्लोड-जलगाँव हाइवे की स्थिति ख़राब हो चुकी है। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों की क्लास लगानी शुरू की।
नितिन गडकरी ने पीडब्ल्यूडी महाराष्ट्र के नेशनल हाइवे डिवीजन और अपने मंत्रालय के मुंबई स्थित अधिकारियों को तुरंत तलब किया। गडकरी ने अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 8 दिनों के भीतर राजमार्ग की मरम्मत की जाए, नहीं तो सभी सम्बंधित इंजीनियर व अधिकारी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। केंद्रीय मंत्री के इस सख्त निर्देश के बाद मंत्रालय में हड़कंप मच गया और तुरंत राजमार्ग को ठीक करने के लिए काम शुरू कराया गया। नितिन गडकरी ने कहा कि इस तरह की चीजें अस्वीकार्य है।
Else face consequences. This is not acceptable. Officer or contractor nobody shall be spared for negligence. (2/2)
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 2, 2019
गडकरी ने कहा कि ठेकेदार से लेकर इंजीनियर तक, जिसनें भी गड़बड़ी की है- उसे नहीं छोड़ा जाएगा। अक्टूबर 2018 में उक्त राजमार्ग पर नई एजेंसियों द्वारा काम फिर से शुरू कराया गया था, क्योंकि पुरानी एजेंसी छोड़ कर चली गई थी। इसके लिए तेलंगाना की जिस एजेंसी को 837 करोड़ रुपए का ये काम सौंपा गया था, वो कंगाल हो गई थी। इस रास्ते से अंजता-एलोरा के पर्यटकों के साथ-साथ बौद्ध श्रद्धालु भी यात्रा करते हैं।