राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उससे जुड़े संगठनों पर नीतीश कुमार की अगुआई वाली बिहार सरकार ने नजर गड़ा रखी है। इन संगठनों के पदाधिकारियों की कुंडली तैयार करने का काम पुलिस को दिया गया था। बीते साल जारी की गई एक चिट्ठी के अब सार्वजनिक होने से मामला सामने आया है।
पुलिस अधिकारियों को भेजी गई इस चिट्ठी में आरएसएस और उससे जुड़े 18 अन्य संगठनों के पदाधिकारियों के बारे में जानकारियाँ माँगी गई है। पटना विशेष शाखा के एसपी ने सभी डीएसपी को यह पत्र भेजते हुए जानकारियाँ जुटाने को कहा था।
पत्र में संघ और उससे सम्बद्ध 18 अन्य संगठनों के सभी पदाधिकारियों के नाम, पता, फोन नंबर और व्यवसाय से सम्बंधित जानकारियाँ जुटा कर भेजने को कहा गया है। हालाँकि, नीतीश सरकार आरएसएस, बजरंग दल, हिन्दू युवा वाहिनी, दुर्गा वाहिनी और हिन्दू महासभा सहित इन सभी संगठनों के पदाधिकारियों के बारे में सारे डिटेल्स क्यों निकलवा रही है, इस बारे में अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है।
28 मई 2019 को भेजी गई इस चिट्ठी में सारी जानकारियाँ पुलिस उपाधीक्षकों को एक सप्ताह के अंदर भेजने को कहा गया है। कहा जा रहा है कि स्पेशल ब्रांच गुप्त रूप से सीधा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सारे विवरण समय-समय पर देता है, ऐसे में संभव है कि यह निर्णय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ही लिया गया हो। वैसे भी अभी बिहार गठबंधन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। वांछित भागीदारी नहीं मिलने पर जदयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई थी। बाद में जब नीतीश ने बिहार में अपनी कैबिनेट का विस्तार किया तो उसमे भाजपा को जगह नहीं दी।
Bihar: In a letter dated 28/5/19, Superintendent of Police (Special Branch), Patna directed Deputy SPs (Special Branch) to “collect names,addresses, phone no & professions of the office bearers of RSS & its below mentioned supporting orgs”, residing in their areas “within 1 week” pic.twitter.com/QnfMYAvgRs
— ANI (@ANI) July 16, 2019
2016 में ‘संघ मुक्त भारत’ की बात कर चुके नीतीश कुमार के इस क़दम को लेकर भी भाजपा नेताओं की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। इंसेफ्लाइटिस, गर्मी और बाढ़ के कारण इस साल सैकड़ों मौतों का गवाह बन चुके बिहार में नीतीश के इस ‘ऑपरेशन संघ परिवार’ के पीछे क्या कारण हैं, यह तो वक़्त ही बताएगा।