नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल के बीच राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैय्यद घयोरूल हसन रिजवी ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन न करने की अपील की है। आयोग के अध्यक्ष सैय्यद घयोरूल हसन रिजवी ने कहा है कि नया कानून भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। इससे भारतीय मुस्लिमों को डरने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि भारतीय मुस्लिम न तो घुसपैठिए हैं और न ही शरणार्थी ही हैं, इसलिए उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों से अपील की है कि वो हिंसा न करें। इसके साथ ही उन्होंने पुलिसकर्मियों से भी शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारत के मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। यदि मुस्लिम समाज के लोग विरोध कर रहे हैं तो उन्हें शांति के साथ धरना प्रदर्शन करना चाहिए। यदि आयोग को नोटिस जारी करने की आवश्यकता महसूस होती है, तो किया जाएगा।
National Commission for Minorities Chairman: I also appeal to the protesters that protest isn’t needed as #CitizenshipAmendmentAct isn’t against Muslims of India. If at all they’re protesting, it should be done peacefully.If Commission feels the need to issue notice,it’ll be done https://t.co/9WwpeoB7j2
— ANI (@ANI) December 16, 2019
सैय्यद घयोरूल हसन रिजवी ने यह भी कहा है कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) की वजह से भारतीय मुस्लिमों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े। उनके मुताबिक, “यह कानून अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। यहाँ तक कि पारसी, क्रिश्चियन, सिख, जैन और बौद्ध भी अल्पसंख्यक हैं।” उन्होंने बताया कि कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह कानून मुस्लिम-विरोधी है, लेकिन यह सच नहीं है, क्योंकि इसमें भारतीय मुस्लिमों का कोई जिक्र नहीं है।
रिजवी ने कहा, “यहाँ के मुस्लिमों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिमों से क्या लेना देना है? हम तो भारतीय मुस्लिम हैं। भारतीय मुस्लिम को डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय मुस्लिमों को इससे कोई खतरा नहीं है। यहाँ के मुस्लिम न तो घुसपैठिए हैं और न ही शरणार्थी। यहाँ के मुस्लिम सम्मानित नागरिक हैं और उनको यहाँ से निकालने का कोई सवाल ही नहीं है। गृह मंत्री ने भी यही बात कही है।”