बिहार चुनावों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) द्वारा 5 सीटें जीतने के बाद पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने समाचार चैनल ‘आज तक’ से बातचीत में ऐलान किया कि उनकी पार्टी अब पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी। चैनल से बातचीत के दौरान ‘रजिया गुंडों में फँस गई’ जैसे वाक्य का इस्तेमाल करते हुए ओवैसी ने बिहार में अपनी स्थिति को बयान किया उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर उन्हें लग रहा है कि वह भाजपा के बीच में फँस गए हैं तो दूसरी ओर महागठबंधन उन्हें ‘वोट-कटुआ’ कह रहा है।
उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी AIMIM के राज्य अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के नेताओं से मिलकर हाथ मिलाने की बात की थी। उन्होंने इस गठबंधन में शामिल होने का प्रयास करते हुए कई बार गठबंधन के नेताओं से मुलाकात भी की लेकिन उन नेताओं ने उस समय भाव नहीं दिया। अपनी पार्टी के ऊपर लग रहे इल्जामों को भी ओवैसी ने खारिज किया। साथ ही यह कहा कि यह उनकी गलती नहीं है कि उन्हें दरकिनार किया गया।
ओवैसी ने अपनी इस बातचीत में सीमांचल का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सीमांचल के लोगों के लिए लड़ना बंद नहीं करेगी। इस क्षेत्र में बता दें 4 जिले आते हैं- अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया। इस क्षेत्र में 24 विधानसभा सीटें हैं। बिहार के सबसे पिछड़े इलाकों में शुमार यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल आबादी वाला है।
इस इलाके में राजद की पकड़ हमेशा से अच्छी थी, लेकिन जब AIMIM इस चुनावी मैदान में आई तो यहाँ की मुस्लिम आबादी के वोट बँट गए। महागठबंधन का मानना है कि AIMIM के कारण इन इलाकों में NDA को फायदा पहुँचा। वहीं, AIMIM के अख्तरुल ईमान, कोचाधाम में मोहम्मद इज़हार असफ़ी, जोकीहाट में शाहनवाज़ आलम, बहादुरगंज में अज़हर नईम, और बैसी में सैयद हुकुद्दीन ने सीटें जीती हैं।
ओवैसी से इस बीच कथित पत्रकार आशुतोष ने एनडीए के साथ हाथ मिलाने की संभावनाओं पर सवाल पूछे। इस पर ओवैसी ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार के सीएए, यूएपीए संसोधन, अनुच्छेद 370 जैसे फैसलों का विरोध किया है ऐसे में आखिर खुद को राजनीतिक विश्लेषक कहने वाला कोई कैसे सोच सकता है कि उनकी पार्टी एनडीए के साथ हाथ मिलाती?
बंगाल में चुनाव लड़ेगी AIMIM-ओवैसी
AIMIM प्रमुख ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी बंगाल चुनावों को लड़ेगी। उन्होंने कहा, “बिहार में AIMIM की जीत उन सभी लोगों को जवाब है जिन्हें लगता है कि AIMIM को दूसरे राज्यों में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। क्या हम एनजीओ हैं कि हम केवल सेमिनार करेंगे और कागज दिखाएँगे? हम राजनीतिक पार्टी हैं और हम चुनाव भी लड़ेंगे।”
गौरतलब है कि AIMIM ने पिछले साल ही बंगाल चुनाव लड़ने का इशारों में ऐलान कर दिया था। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता असीम वकार ने अपनी ताकत का बखान करते हुए कहा था, “ये सच है कि तादाद में कम हैं, लेकिन हमें छूना मत। हम ATOM BOMB (एटम बम) हैं। दीदी! हमें आपकी दोस्ती भी कुबूल और आपकी दुश्मनी भी। आपको तय करना है कि आप हमें दोस्त समझते हो या फिर दुश्मन।”
इसके बाद कोलकाता के धर्मतला में AIMIM ने एक बैठक का आयोजन किया था। जिसके मद्देनजर ममता बनर्जी ने कूचबिहार में अपने कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा था, “मैं देख रही हूँ कि यहाँ अल्पसंख्यकों में कुछ अतिवादी हैं, जिनकी जमीन हैदराबाद से जुड़ी है। ऐसे लोगों की बिलकुल भी मत सुनिए।”