असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि भारत को कोई रोकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसे अनुच्छेद-370 ख़त्म हो गया और राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो गया, तेलंगाना में भी निजाम का नाम और निशान मिट जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ओवैसी का भी नाम और निशान मिट जाएगा। उन्होंने कहा कि वो दिन ज्यादा दूर नहीं है, क्योंकि भारत अब जाग उठा है। असम के सीएम ने कहा कि भारत अब उन नेताओं को मानने के लिए तैयार नहीं है, जो छद्म सेक्युलर राजनीति करते हैं।
The history of India says that Babur, Aurangzeb, and Nizam cannot live long. I am sure that the legacy of Nizam will come to a complete halt and a new culture based on Indian civilization will emerge: Assam CM and BJP leader Himanta Biswa Sarma in Warangal, Telangana pic.twitter.com/n3WrLAync6
— ANI (@ANI) January 9, 2022
हिमंता बिस्वा सरमा ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आयोजित एक रैली में ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास हमें बताता है कि बाबर, औरंगजेब और निजाम के दिन ज्यादा दिन नहीं चलते। असम सीएम ने कहा कि वो इस बात को लेकर निश्चित हैं कि निजाम की विरासत का अंत होगा और हैदराबाद में भारतीय संस्कृति पर आधारित एक नई सभ्यता का विकास होगा। बता दें कि हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी तेलंगाना पहुँचे थे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का भी कार्यक्रम हैदराबाद में प्रस्तावित है। वारंगल में सीएम सरमा ने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री केसीआर ने 2 लाख नौकरी का वादा किया था, लेकिन अब वो भूल गए। उन्होंने भाजपा की सरकार बनने पर एक साल में 1 लाख नौकरी का शत-प्रतिशत वादा किया। उन्होंने कहा कि सरकार में वैकेंसी के बावजूद नौकरी नहीं जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि केसीआर अपने बेटे के लिए समर्पित हैं, जबकि ‘राजा’ का कोई बेटा नहीं होता।
उन्होंने कहा, “लाखों सरकारी कर्मचारी तेलंगाना की TRS सरकार के खिलाफ है। पुलिस आपके समर्थन में है, लेकिन उसे लेकर आपका राज़ नहीं चलेगा। जब भाजपा की सरकार बनेगी तो पुलिस भाजपा के साथ आ जाएगी। आपकी दोस्त जनता है, लेकिन उसके साथ आप गद्दारी कर रहे। बाबर जैसे ख़त्म हो गया, वैसे ही ओवैसी भी ख़त्म हो जाएगा। 2023 में केसीआर की बात सुनने वाला कोई नहीं होगा। हमें एक नए भारत के निर्माण का शपथ लेना है, जहाँ किसी ओवैसी-औरंगजेब की जगह नहीं होगी।”