सुप्रीम कोर्ट द्वारा आईएनएक्स घोटाले मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत मिल गई है। हालाँकि, चिदंबरम अब भी घर नहीं जा पाएँगे, क्योंकि उन्हें ये राहत सीबीआई द्वारा दायर केस में मिली है। जबकि वह अब भी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं। यहाँ बता दें कि आईएनएक्स घोटाले मामले में सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम पर अलग-अलग केस फाइल किया हुआ है।
सीबीआई केस में चिदंबरम की जमानत का फैसला उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार (अक्टूबर 22, 2019) को सुनाया। न्यायालय ने कॉन्ग्रेस नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पी चिदंबरम को जमानत पर रिहा किया जा सकता है, बशर्ते किसी अन्य केस में उनकी गिरफ्तारी न हुई हो। इसके अलावा अदालत ने य़े भी बताया कि कॉन्ग्रेस नेता को एक लाख का निजी मुचलका भी भरना होगा और रिहाई के बाद उन्हें बिना अनुमति विदेश जाने की अनुमति नहीं होगी।
फिलहाल बता दें कि 24 अक्टूबर तक चिदंबरम ईडी की हिरासत में हैं। उन्हें 22 अगस्त को जोरबाग स्थित निवास से गिरफ्तार किया गया था। इस हालिया फैसले से पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मामले में चिदंबरम को जमानत देने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट के इस फैसले को चिदंबरम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 18 अक्टूबर को सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को सुरक्षित रख लिया था और आज उनकी जमानत संबंधी अपना फैसला सुनाया।
SC grants bail to Congress leader P Chidambaram in INX Media case registered by CBI https://t.co/7QqX1vtlWF
— Daily News (@theupdaterpost) October 22, 2019
सीबीआई ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि पूर्व वित्तमंत्री की उपस्थिति ही गवाहों को डराने-धमकाने के लिए काफी है। उन्हें कम से कम तब तक जमानत न मिले जब तक गवाहों से पूछताछ न हो।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई ने अपनी दलील में देश का पैसा लूटकर विदेश भागे भगौड़ों का भी जिक्र किया था। सीबीआई ने कहा, “आज ऐसा दौर है जब आर्थिक अपराधों के आरोपित देश से भाग रहे हैं, एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या से जूझ रहे हैं।”
INX media case: P Chidambaram granted bail in CBI case, to remain in jail for ED investigationhttps://t.co/drVdAelN3n
— NewsX (@NewsX) October 22, 2019
याद दिला दें कि बीते दिनों सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति समेत 15 लोगों के ख़िलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसमें इंंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी जैसे लोगों के नाम शामिल हैं। इन लोगों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून तथा आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध करके राजकोष को नुकसान पहुँचाने का इल्जाम हैं।