दिल्ली की सीमा पर और पंजाब-हरियाणा में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ पर पाकिस्तान की भी नज़र है। पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ‘इंटर-सर्विलेंस इंटेलिजेंस ISI’ अब ‘किसान आंदोलन’ के माध्यम से भारत में अराजकता का माहौल पैदा करना चाहती है। दिल्ली पुलिस के साथ-साथ ‘सेन्ट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF)’ को भी सतर्क कर दिया गया है। CISF ही दिल्ली मेट्रो सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा का दायित्व संभाले हुए है।
ISI की योजना है कि किसान प्रदर्शनकारियों के माध्यम से सुरक्षा बलों को भड़काया जाए। भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस और सुरक्षा बलों को भेजे गए पत्र में इस तरफ ध्यान दिलाया है। दिल्ली पुलिस ने भी इस दिशा में तैयारियाँ शुरू करते हुए सुरक्षा के समुचित इंतजाम किए हैं। मेट्रो स्टेशनों के बाहर अतिरिक्त जवान तैनात किए जा रहे हैं। शनिवार (जून 26, 2021) को दिल्ली के 3 मेट्रो स्टेशन बंद रखे जाएँगे।
‘दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC)’ ने पुलिस की सलाह के बाद ये फैसला लिया है। ये मेट्रो स्टेशन सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेंगे। पिछले कुछ सप्ताह से किसान आंदोलन के स्थलों पर छिटपुट अपराध की कई खबरें सामने आई हैं। इधर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका आंदोलन 7 महीने से शांतिपूर्ण ही है, लेकिन पुलिस बल प्रयोग कर के उन्हें परेशान कर रही है। हरियाणा में भाजपा और जजपा नेताओं के कार्यक्रमों को भी प्रदर्शनकारी निशाना बना रहे हैं।
Intelligence agencies alert Delhi police, other agencies that Pak-based ISI proxies may sabotage farmers' stir
— ANI Digital (@ani_digital) June 25, 2021
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दिल्ली पुलिस ने सिंधु बॉर्डर पर स्थिति के आकलन के लिए दो स्पेशल ब्रांच ऑफिसर्स को भेजा था, जिनके साथ किसान प्रदर्शनकारियों ने मारपीट की। इस मामले में नरेला पुलिस थाने में मामला भी दर्ज किया गया है। हालाँकि, ‘भारतीय किसान यूनियन (BKU)’ के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि पुलिस और सरकार की मंशा किसानों को भड़काने की है। योगेंद्र यादव ने दावा किया कि सरकार विभिन्न हथकंडों का प्रयोग कर के आंदोलन को दबाना चाहती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही कह चुके हैं कि भारत सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है और बस एक कॉल की दूरी पर है। शनिवार को किसानों के आंदोलन के 7 महीने भी पूरे हो रहे हैं, ऐसे में उन्होंने एक बार फिर से आंदोलन को तेज़ करने का फैसला लिया है। किसानों ने रैलियाँ निकालने की भी योजना बनाई है। दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर प्रदर्शनकारी फिर से ट्रैक्टर लेकर उतरेंगे।
याद हो कि फरवरी 2020 में खालिस्तानी आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) प्रमुख मुहम्मद हाफिज सईद के करीबी सहयोगी, गोपाल सिंह चावला ने घोषणा की थी कि वह भारत में चल रहे ‘किसानों के विरोध के समर्थन में पाकिस्तान में एक ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेगा। चावला एक ISI आतंकी है और उस पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। वो भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हैं।