Sunday, November 17, 2024
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संविधान दिवस पर कॉन्ग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का किया बहिष्कार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "हमारे संविधान में लोकतंत्र का दिल धड़कता है। इस जीवंतता को बनाए रखने के लिए संशोधनों का भी प्रावधान किया गया है। 17वीं लोकसभा में 78 महिला सांसदों का चुना जाना हमारे लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन है।"

संविधान दिवस के 70वीं वर्षगाँठ के अवसर पर मंगलवार (नवंबर 26, 2019) को लोकसभा के केंद्रीय हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला आदि ने इसमें हिस्सा लिया। इस अवसर पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।

कॉन्ग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने संविधान दिवस के मौके पर सरकार की तरफ से बुलाई गई संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया। उन्होंने संसद परिसर में भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया।

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण के साथ की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “हमारा संविधान वैश्विक लोकतंत्र की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है। यह न केवल अधिकारों के प्रति सजग रखता है, बल्कि हमारे कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी बनाता है।” उन्होंने कहा कि संविधान ने नागरिक की गरिमा (Dignity) और संपूर्ण भारत के लिए एकता और अखंडता (Unity for India) को अक्षुण्ण रखा है। इन्हीं दो मंत्रों ने भारत के संविधान को साकार किया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “हमारे संविधान में भारतीय लोकतंत्र का दिल धड़कता है। इस जीवंतता को बनाए रखने के लिए संशोधनों का भी प्रावधान किया गया है। 17वीं लोकसभा में 78 महिला सांसदों का चुना जाना हमारे लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपलब्धि है। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तन है।”

इधर, विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर विरोध जताते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया। विरोध प्रदर्शन में कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और मनमोहन सिंह भी शामिल हुए। बता दें कि महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के बाद राजनीतिक परिदृश्य से लंबे समय तक लापता रहने के बाद राहुल गाँधी कल (नवंबर 25, 2019) संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन लोकसभा में पहुँचे थे। इस दौरान जब राहुल गाँधी का नाम प्रश्न पूछने के लिए पुकारा गया तो पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में उनके सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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