संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार (29 नवंबर 2021) से हुई। शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार हर मसले पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही विपक्ष को हंगामा नहीं करने की नसीहत दी। लेकिन विपक्ष पर इसका असर नहीं हुआ। सत्र शुरू होते ही विपक्ष दोनों सदनों में हंगामे पर उतारू हो गया। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। बाद में राजयसभा की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी।
इस सत्र में 26 बिल पेश किए जाएँगे। आज ही सरकार कृषि कानूनों की वापसी का बिल पेश करेगी। सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुुए पीएम ने संसद के शीतकालीन सत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में से इस आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित के लिए, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं, कदम उठा रहे हैं और आजादी के के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए सामान्य नागरिक भी अपना कोई ना कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है। ये खबरें अपने आप में भारत के उज्जवल भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं।”
उन्होंने कहा, “भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान दिया, कितना सकारात्मक काम हुआ, उसे तराजू पर तोला जाए। न कि मापदंड ये होना चाहिए कि किसने कितना जोर लगाकर सत्र को रोका। ये मानदंड नहीं हो सकता है। मानदंड ये होगा कि संसद में कितना सकारात्मक काम हुआ।”
पीएम ने आगे कहा, “सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने को तैयार है, सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और आजादी के अमृत महोत्सव में हम ये भी चहेंगे कि संसद में सवाल हो और साथ में शांति भी हो। हम चाहते हैं कि संसद में सरकार के खिलाफ, सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा, इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी को काम आए।”
पीएम मोदी ने कहा, “पिछले सत्र के बाद कोरोना की विकट परिस्थिति में भी देश ने 100 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन डोज लगा दी है और हम 150 करोड़ की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नए वेरिएंट की खबरें भी हमें और सतर्क करती हैं और सजग करती हैं। हम संसद के साथियों को भी सतर्क रहने की प्रार्थन करता हूँ। ऐसे संकट की घड़ी में देश का उत्तम स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है।”