महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने साईं बाबा के जन्मस्थान को लेकर दिया गया अपना बयान वापस ले लिया है। ऐसा उन्होंने शिरडी में श्रद्धालुओं के विरोध प्रदर्शन के बाद किया। शिरडी को वर्षों से साईं बाबा का जन्मस्थान माना जाता रहा है लेकिन पाथरी के लोगों का मानना है कि बाबा का जन्म वहाँ हुआ था। मुख्यमंत्री उद्धव ने एक बयान में पाथरी को जन्मस्थान बता दिया। इसके बाद शिरडी में विभिन्न संगठनों ने बंद का आयोजन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री को अपने बयान से पीछे हटना पड़ा।
अब बयान वापस लेने के बाद शिवसेना प्रमुख फिर से घिर गए हैं क्योंकि कॉन्ग्रेस विधायक ने सीएम के निर्णय के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। पाथरी के विधायक सुरेश वारपुडकर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिरडी के दबाव के आगे झुक गए हैं। उनका कहना था कि उद्धव को शिरडी और पाथरी से एक-एक प्रतिनिधिमंडल को बुला कर मामले पर विचार-विमर्श करना चाहिए था, फिर कोई फ़ैसला लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पाथरी के विकास के लिए लिए 100 करोड़ रुपए की माँग की गई थी, जिसकी घोषणा भी हुई।
हालाँकि, कॉन्ग्रेस विधायक ने ये भी कहा कि अगर उद्धव ठाकरे उनकी बात नहीं सुनते हैं तो वो अदालत जाएँगे क्योंकि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि साईं बाबा का जन्म पाथरी में ही हुआ था। वहीं एनसीपी ने भी कहा है कि मुख्यमंत्री दोनों तरफ़ की बात सुनें। एनसीपी नेता बाबूजानी दुर्रानी ने कहा कि वो इस मामले में सीएम से मिलेंगे। वहीं शिवसेना भी पाथरी में बंद बुला रही है क्योंकि सांसद संजय जाधव ने कहा है कि साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी ही है। शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर शिरडी ने सरकार पर दबाव बनाया है तो वो भी दबाव बनाने के लिए तैयार हैं।
Shiv Sena mouthpiece ‘Saamana’ said Shirdi became “rich” because of the saint, and none can snatch away the richness of the town where he died.https://t.co/CHrxzPMzDb
— India Today (@IndiaToday) January 21, 2020
शिवसेना की स्थानीय यूनिट पूरे पाथरी में और फिर परभनी में बंद बुलाने की योजना बना रहे हैं। शिरडी और पाथरी के बीच फँसे शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने अपना बयान क्या वापस लिया, पाथरी में उनकी पार्टी सहित अन्य सहयोगी दलों के नेता भी उनके ख़िलाफ़ खड़े हो गए हैं। शिरडी में कई दिनों तक व्यापक विरोध प्रदर्शन चला, जिसके बाद उद्धव को अपना बयान वापस लेना पड़ा था।