दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है। इस बीच बीते 08 अप्रैल 2021 को एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च तक विभिन्न माध्यमों से विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं।
एक ट्विटर यूजर आलोक भट्ट द्वारा शेयर किए गए आरटीआई से पता चला है कि जनवरी 2021 में AAP सरकार द्वारा विज्ञापनों पर 32.52 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे, फरवरी 2021 में 25.33 करोड़ रुपए और मार्च 2021 में 92.48 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। ऐसे हालात में जब कोरोना की दूसरी लहर से राष्ट्रीय राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएँ चरमरा रही हैं, केजरीवाल सरकार ने औसतन हर दिन 1.67 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए हैं।
So money spent by @ArvindKejriwal during first 3 months of 2021 on bribing Indian media via ads
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) April 24, 2021
Jan: 32.52 cr
Feb: 25.33 cr
Mar: 92.48 cr
He spent 1.67 crores per day just on ads.
Imagine the no of oxygen tankers he could have built witt this money? #DilliKaCancer hai ye! pic.twitter.com/zi5VFEB1OK
इसमें कुल खर्च प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से विज्ञापन और प्रचारों में किया गया है। केजरीवाल सरकार ने बीते 2 साल में अपने प्रचार-प्रसार में 800 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया है।
अप्रैल में यूट्यूब विज्ञापनों के जरिए अपनी सरकार का प्रचार करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की खूब आलोचना भी हो रही है।
खास बात यह है कि मौजूदा वक्त में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोरोना की भयावह स्थिति है। अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है और अस्पतालों ने नए मरीजों को भर्ती करने से तक इंकार कर दिया है।
डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रही दिल्ली सरकार
कोरोना के बिगड़ते हालात का आभास होने के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ऑक्सीजन की सप्लाई करने की अपील की है। इससे पहले उन्होंने अगस्त 2020 में इसकी होम डिलिवरी का वादा किया था।
एक हफ्ते में टेस्ट होंगे दोगुने, घर पर भी मिलेगी ऑक्सिजन।: माननीय मुख्यमंत्री श्री @ArvindKejriwal pic.twitter.com/d4iCgvi5wE
— AAP (@AamAadmiParty) August 27, 2020
डैमेज कंट्रोल और बेचारगी दिखाने के बाद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की प्राइवेट मीटिंग को लाइव कर दिया था। वहाँ उन्होंने रेल और हवाई मार्ग से दिल्ली में ऑक्सीजन आपूर्ति करने की माँग की। जबकि केंद्र सरकार पहले से ही इस मामले में काम कर रही है। हालाँकि, प्रोटोकॉल तोड़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल केजरीवाल को फटकार लगाई, ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए की जा रही कार्यवाही के बारे में भी जानकारी दी।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को घटिया प्रबंधन के लिए लगाई कड़ी फटकार
दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार (24 अप्रैल 2021) केजरीवाल सरकार की खिंचाई करते टिप्पणी की कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में पूरी तरह से विफल रही है।
कोर्ट में यह भी जानकारी दी गई कि दिल्ली सरकार उसे आवंटित किए गए ऑक्सीजन को उठाने के लिए कोई कदम ही नहीं उठा रही है। कोर्ट ने कहा, ”हर राज्य अपने लिए टैंकरों की व्यवस्था कर रहा है, अगर आपके पास खुद के टैंकर नहीं हैं, तो उनकी व्यवस्था करें। आपको यह करना होगा, केंद्र सरकार के अधिकारियों से संपर्क करें। हम अधिकारियों के बीच संपर्क की सुविधा के लिए यहाँ नहीं हैं।”
केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कोर्ट में कहा, “दूसरे सभी राज्य टैंकरों के लिए रेलवे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार चाहती है कि उसे थाली में परोसकर दिया जाय। हम राज्यों की मदद कर रहे हैं। दिल्ली के अधिकारियों को भी ऐसा करने की आवश्यकता है।” इससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी AAP सरकार के प्रबंधन की नाकामियों के कारण है।
पीएम केयर्स फंड का नहीं किया उपयोग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना महामारी के इस दौर में भी एड के जरिए राजनीतिक कर रहे हैं। वह प्राइवेट मीटिंग्स को लाइव कर हाथ जोड़ रहे हैं। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार (20 अप्रैल 2021) को दिल्ली उच्च न्यायालय को जानकारी दी थी कि दिसंबर 2020 में ही केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से केजरीवाल सरकार को दिल्ली में आठ ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए फंड दिया था। लेकिन, अब तक लगा केवल एक।
कोर्ट के कड़े रुख के आगे झुकी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने बताया है कि कोर्ट के कड़े रुख के बाद दिल्ली सरकार अब पीएम केयर्स फंड के तहत आठ ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट स्थापित करने जा रही है। बुराड़ी के अस्पताल में एक प्लांट लगाया जा चुका है और 4 अन्य के 30 अप्रैल तक स्थापित होने की उम्मीद है।