Sunday, November 17, 2024
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प्रधानमंत्री ने देश को समर्पित किया 750 मेगावाट का रीवा सौर ऊर्जा प्लांट, दिल्ली के मेट्रो को भी मिलेगा इसका लाभ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा केवल आज की नहीं बल्कि पूरी 21वीं सदी की ऊर्जा से संबंधित ज़रूरतों का माध्यम बनेगी। क्योंकि इसका स्वभाव ही है श्योर, प्योर और सेक्योर (आश्वस्त, शुद्ध और सुरक्षित)। यह परियोजना प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को लाभ पहुँचाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए देश को मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट का अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना समर्पित किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए थे। इस सौर ऊर्जा पावर प्लांट पर बात करते हुए नरेन्द्र मोदी ने इससे जुड़ी कई अहम बातें भी बताई। 

उन्होंने सबसे पहले कहा कि जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएँ-आकांक्षाएँ बढ़ रही हैं। वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की ज़रूरतें भी बढ़ रही हैं। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है। 

अल्सौट्ररा मेगा सौर परियोजना का शिलान्यास

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि सौर ऊर्जा केवल आज की नहीं बल्कि पूरी 21वीं सदी की ऊर्जा से संबंधित ज़रूरतों का माध्यम बनेगी। क्योंकि इसका स्वभाव ही है श्योर, प्योर और सेक्योर (आश्वस्त, शुद्ध और सुरक्षित)। यह परियोजना प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को लाभ पहुँचाएगी।    

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा रीवा में मौजूद इस सौर ऊर्जा प्लांट से सिर्फ यहाँ मौजूद औद्यगिक इकाइयों को फ़ायदा नहीं मिलेगा। बल्कि दिल्ली की मेट्रो रेल को भी इस परियोजना से लाभ मिलेगा। साथ ही रीवा के अलावा शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी सौर ऊर्जा पावर प्लांट पर काम जारी है।  

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना था कि आज रीवा जैसे शहर ने इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान माँ नर्मदा के नाम और सफ़ेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है, बेशक यह देश के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।   

जब हम विकास और आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तब अर्थव्यवस्था एक अहम मुद्दा साबित होता है। पिछले कुछ वर्षों में नीतियाँ तैयार करने वालों के लिए यह चुनौती उभर कर आई है कि पर्यावरण के बारे में सोचा जाए या अर्थव्यवस्था।

जिस तरह से भारत में सौर ऊर्जा पर काम हो रहा है आगे चल कर दुनिया में इस पर चर्चा बढ़ने ही वाली है। इस तरह के प्रयासों के चलते भारत स्पष्ट और स्वच्छ ऊर्जा के लिए उपयुक्त बाज़ार साबित हो रहा है।

2 गज की दूरी, चेहरे पर मास्क और 20 सेकेंड तक हाथ धुलना। इन नियमों का पालन हमेशा करना है। जब हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तरफ बढ़ रहे हैं तब हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति हमारा समर्पण जीवन के हर पहलुओं में नज़र आने चाहिए। हमारी कोशिश है कि इसका फ़ायदा देश के हर कोने में पहुँचना चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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