प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (14 दिसंबर 2024) को ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए 11 संकल्प रखे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत के उज्ज्वल भविष्य एवं विकसित भारत बनाने के लिए सरकार और लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की राजनीति परिवारवाद से मुक्त होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण के अंत में 11 संकल्प रखें, जो निम्नलिखित हैं:
- चाहे नागरिक हो या सरकार, सभी को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
- विकास का लाभ समाज के हर क्षेत्र, हर वर्ग को मिलना चाहिए, यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ होना चाहिए।
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस होनी चाहिए तथा भ्रष्ट लोगों को सामाजिक स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए।
- लोगों को देश के कानून, नियम, परंपरा का पालन करने में गर्व महसूस होना चाहिए।
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति होना चाहिए।
- लोगों को देश की विरासत पर गर्व होना चाहिए।
- देश को वंशवाद की राजनीति से मुक्त होना चाहिए, संविधान का सम्मान होना चाहिए और इसे राजनीतिक स्वार्थ का साधन नहीं बनाया जाना चाहिए।
- संविधान के प्रति समर्पण दर्शाते हुए आरक्षण का लाभ उन लोगों से नहीं छीना जाना चाहिए, जिन्हें इसका लाभ मिल रहा है तथा धर्म के आधार पर आरक्षण देने के सभी प्रयास बंद किए जाने चाहिए।
- भारत को विश्व में महिला-नेतृत्व वाले विकास का उदाहरण बनना चाहिए।
- राज्यों के विकास के माध्यम से देश का विकास हमारा विकास मंत्र होना चाहिए।
- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का लक्ष्य हर चीज से ऊपर होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आइए हम अपने संविधान की मूल भावना ‘हम, देशवासी…’ के साथ आगे बढ़ें। विकसित भारत के निर्माण का सपना सभी 140 करोड़ नागरिकों का सपना है। याद रखें, जब कोई राष्ट्र दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ता है तो परिणाम निश्चित होते हैं। मुझे अपने साथी नागरिकों, उनकी क्षमताओं, युवाओं और भारत की नारी शक्ति पर बहुत भरोसा है। आइए हम संकल्प लें कि जब भारत 2047 में अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा तो उसे ‘विकसित भारत’ के रूप में मनाया और संजोया जाएगा।”
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 में जब भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला तो लोकतंत्र और संविधान को मजबूती मिली। गरीबों को मुश्किलों से मुक्ति मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह हमारा बहुत बड़ा मिशन और संकल्प है। हमें गर्व है कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।”
इस दौरान उन्होंने कॉन्ग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस के लिए ‘सत्ता का सुख और सत्ता की भूख‘ यही एकमात्र इतिहास है, यही वर्तमान है। पीएम मोदी ने कहा, “हमने भी संविधान संशोधन किए हैं, लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं।”
पीएम मोदी ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गाँधी तक कॉन्ग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि इतिहास कहता है कि आरक्षण के विरोध में पंडित नेहरू ने उस समय के मुख्यमंत्रियों को लंबी-लंबी चिट्ठियाँ लिखी थीं। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों ने सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण दिए हैं।