हाल ही में विदेश से लौटे कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने शुक्रवार (21 जनवरी। 2022) को, इंडिया गेट पर 50 वर्षों से जल रही ‘अमर जवान ज्योति’ की अनवरत जलने वाली अग्नि को लेकर झूठ और अफवाह फैलाने के लिए एक ट्वीट किया। वहीं अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किए जाने के फैसले पर मचे विवाद के बीच पीएम मोदी ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए देश को बताया कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी।
At a time when the entire nation is marking the 125th birth anniversary of Netaji Subhas Chandra Bose, I am glad to share that his grand statue, made of granite, will be installed at India Gate. This would be a symbol of India’s indebtedness to him. pic.twitter.com/dafCbxFclK
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2022
जहाँ राहुल गाँधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया, “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!” वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट कर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति लगाए जाने जानकारी दी है।
बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2022
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!
PM मोदी ने ट्वीट में कहा, “ऐसे समय जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा।” साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा, “जब तक नेताजी की भव्य प्रतिमा का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं नेताजी की जयंती 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूँगा।
जब तक नेताजी बोस की भव्य प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2022
वहीं दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने भी राहुल गाँधी की सुर में सुर मिलाते हुए विरोध किया है। महाविकास अघाड़ी सरकार में कॉन्ग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने भी अमर जवान ज्योति को लेकर सवाल किया। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में दावा किया, “अमर ज्योति कुछ समय में बुझ जाएगी। एक ‘नए भारत’ के लिए रास्ता बनाने के लिए ऐसे कितने विचार और स्मारक पर काम होना बाकी है? उदास और व्यथित हूँ। #अमर जवान ज्योति। कृपया कोई युद्ध स्मारक में इसे एक और लौ के साथ मिलाने वाला ज्ञान मुझे न दें। हम दोनों को क्यों नहीं रख सकते?”
Eternal Flame will be Extinguished Flame for sometime. How many more ideas & monuments we hold dear need to be reworked to make way for a ‘New India’?
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 21, 2022
Sad & Anguished. #AmarJawanJyoti
PS : Spare me gyaan on merging it with another flame at War Memorial. Why can’t we keep both?
यहाँ यह उल्लेख करना जरूरी है कि इंडिया गेट का अनावरण ब्रिटिश सरकार द्वारा 12 फरवरी, 1931 को ब्रिटिश भारतीय सेना के 70,000 सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था, जिनकी मृत्यु 1914-1921 के बीच हुई थी। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, इंदिरा गाँधी सरकार ने अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट स्थापित करवाया।
भारत सरकार ने राहुल गाँधी के फर्जी दावों को खारिज किया
राहुल गाँधी के आरोप के बाद कि मोदी सरकार अमर जवान ज्योति की अमर लौ को बुझा देगी, सरकार के सूत्रों ने कॉन्ग्रेस नेता और उनके समर्थकों के दावों को खारिज कर दिया। डीडी न्यूज से बात करते हुए, एक सूत्र ने बताया, “#AmarJawanJyoti की लौ के बारे में बहुत सारी गलत सूचनाएँ फैल रही हैं, अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है। इसे #नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्वाला से मिलाया जा रहा है।”
There is a lot of misinformation circulating regarding the flame of the #AmarJawanJyoti
— DD News (@DDNewslive) January 21, 2022
The flame of the Amar Jawan Jyoti is not being extinguished. It is being merged with the flame at the #NationalWarMemorial: GoI Sources pic.twitter.com/Q1GTydGit1
सूत्र ने आगे कहा, “इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल कुछ शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी और इस तरह यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। 1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों के सभी भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अंकित किए गए हैं। इसलिए वहाँ शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना एक सच्ची श्रद्धांजलि है।”
The names of all Indian martyrs from all the wars, including 1971 and wars before and after it are housed at the National War Memorial. Hence it is a true shraddhanjali to have the flame paying tribute to martyrs there
— DD News (@DDNewslive) January 21, 2022
सेवानिवृत्त सेना जनरल सतीश दुआ, जो राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (एनडब्ल्यूएम) के डिजाइन चयन और निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा थे, इंडिया गेट और एनडब्ल्यूएम की अमर जवान ज्योति के विलय के प्रबल समर्थक रहे हैं।
MERGING OF ETERNAL FLAME.
— Lt Gen Satish Dua🇮🇳 (@TheSatishDua) January 21, 2022
It gives me great satisfaction that the eternal flame of Amar Jawan Jyoti at India Gate is being merged with the National War Memorial(NWM). As someone who had steered the design selection & construction of NWM, I’d been of this view all along… +
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उन्होंने कहा, “इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के बलिदान हुए नायकों का स्मारक है। अमर जवान ज्योति को 1972 में जोड़ा गया क्योंकि हमारे पास दूसरा स्मारक नहीं था। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्वतंत्रता के बाद शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देता है। सभी श्रद्धांजलि समारोह पहले ही NWM में स्थानांतरित हो गए थे।”
बता दें कि पिछली सरकारों के लंबे इंतजार और नाकामी के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने इंडिया गेट परिसर के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण कराया। जिसका फरवरी 2019 में उद्घाटन किया गया, यह स्मारक भारत की स्वतंत्रता के बाद शहीद हुए 22,500 से अधिक भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के उद्घाटन के बाद से, सभी सैन्य औपचारिक कार्यक्रमों को इंडिया गेट से स्थानांतरित कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, प्रत्येक गणतंत्र दिवस पर, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और तीनों सेवा स्टाफ प्रमुख अमर जवान ज्योति पर माल्यार्पण करते थे और मृत और अज्ञात सैनिकों को श्रद्धांजलि देते थे।
हालाँकि, 2020 से अमर जवान ज्योति के बजाय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया जाता है। शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेवा प्रमुख अपने-अपने सेवा दिवसों पर नए स्मारक का भी दौरा करते हैं। इसी से, NWM और इंडिया गेट की अमर ज्योति को मिलाना समझा जा सकता है।