मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरे होने के बाद सोमवार (जून 1, 2020) को पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन के बाद देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए कई तरह फैसले लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि MSME की परिभाषा को और संशोधित किया गया है।
Taking forward the mantra of ‘Jai Kisan’,Cabinet has taken major decisions in favour of farmers.Minimum Support Prices have been fixed at 1.5 times the cost of production for 14 Kharif crops. Also,period for repayment of short term loans up to Rs 3 lakhs has been extended:PM Modi pic.twitter.com/jdj09phvJE
— ANI (@ANI) June 1, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने की मँजूरी दी गई है। सरकार का कहना है कि नया एमएसपी किसानों की फसल के लागत मूल्य से 50-83% ज्यादा है। धान का एमएसपी 53 रुपए बढ़ाकर 1,868 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। 14 फसलों पर किसानों को लागत से 50 से 83 फीसदी ज्यादा कीमत मिलेगी। इसके अलावा MSME (छोटे-मध्यम उद्योगों) से जुड़ी योजनाओं को भी मँजूरी दी गई।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा, “जब हमने आत्मनिर्भर भारत अभियान लॉन्च किया तो हमने केवल एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा ही नहीं बदली, बल्कि ऐसे कई प्रस्तावों को भी लागू किया जिससे इसका प्रारूप बदला जा सके। यह लघु और मध्यम उद्योगों को मदद करने में कारगर साबित होगा। इससे रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।”
To provide impetus to the Atmanirbhar Bharat campaign, we have not only changed the definition of MSMEs sector, but have also approved several proposals to revive it. This will benefit the small and medium scale industries, as well as create huge employment opportunities: PM Modi https://t.co/5iIxce3Gah
— ANI (@ANI) June 1, 2020
इसके अलावा खेती और उस जुड़े काम के लिए 3 लाख तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तारीख 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है। साथ ही ब्याज छूट योजना के तहत 31 अगस्त तक, जो किसान अपनी ऋण अदायगी करेगा उसको 4% ब्याज पर ही कर्जा मिलेगा।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी सरकार की पहली नजर किसान और गरीब पर ही थी। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल समय में भी इस साल बंपर उत्पादन हुआ है। मक्का में 52 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। सरकार की तरफ से धान खरीद को लेकर उन्होंने कहा कि अब तक 93 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा गया है।
MSP rate for Paddy now at Rs 1868 per quintal, Jowar-Rs 2620/quintal, Bajra-Rs 2150/quintal, and 50% increase in Ragi, Moong, Groundnut, Soyabean, Til and Cotton, for the year 2020-21: Union Minister Narendra Tomar pic.twitter.com/9kcXSb0EVN
— ANI (@ANI) June 1, 2020
उन्होंने बताया कि धान के लिए MSP की दर अब 1868 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार के लिए 2620 प्रति क्विंटल, बाजरा -2150 रुपए/क्विंटल की गई है। रागी, मूँग, मूँगफली, सोयाबीन, तिल और कपास की एमएसपी में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। ये फैसला साल 2020-21 के लिए है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एमएसएमई सेक्टर को मजबूती देने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म लॉन्च किया है। इसका नाम चैम्पियन्स रखा गया है। इसका मकसद छोटे और मध्यम उद्योगों की मदद करना, उनकी शिकायतों का समाधान करना और व्यापार के नए मौके तलाशने में मदद करना है।
50 करोड़ रुपए तक के कारोबार वाली इकाई भी एमएसएमई के अंतर्गत आएगी। एमएसएमई के निर्यात का टर्नओवर इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। इससे नए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सरकार ने 4000 करोड़ रुपए के डिस्ट्रेस फंड को मँजूरी दी है। साथ ही बंद हुई एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का फंड बनाने का फैसला लिया गया है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए हमने न केवल MSMEs सेक्टर की परिभाषा बदली है, बल्कि इसमें नई जान फूँकने के लिए कई प्रस्तावों को भी मँजूरी दी है। इससे संकटग्रस्त छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा, साथ ही रोजगार के अपार अवसर सृजित होंगे।”
Launched the portal, https://t.co/ZdLkL1rwK5
— Narendra Modi (@narendramodi) June 1, 2020
This is a one stop place for MSME sector. The focus areas are support & hand-holding, grievance redressal, harnessing entrepreneurial talent and discovering new business opportunities. https://t.co/diLjzKeRY5 pic.twitter.com/d9t8XGJcxT
उन्होंने कहा, “देश में पहली बार सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों के रोजगार के लिए लोन की व्यवस्था की है। ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे।”
उन्होंने बताया कि रेहड़ी पटरी वालों के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्व नीति (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि) का गठन किया है। फुटपाथ विक्रेताओं समेत रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार रुपए तक कर्ज दिया जाएगा।
इसके साथ ही प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए SPIC-MACAY के उद्घाटन के दौरान जनता को संबोधित किया। उन्होंने जनता को संबोधित करते कहा, “पूरी दुनिया में कोरोना के कारण जो तनाव है, लोगों में जो डर और दुविधा है, उसे संगीत और कला के माध्यम से कैसे दूर किया जाए, यही आपने इस साल के कार्यक्रम की थीम भी रखी है।”
उन्होंने कहा कि जिस तरह संगीत में एक सामंजस्य की जरूरत होती है, एक अनुशासन की जरूरत होती है, उसी तरह के सामंजस्य, संयम और अनुशासन से ही देश का प्रत्येक नागरिक आज इस महामारी से लड़ रहा है।