प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार फिर अपनी दिवाली सीमा पर तैनात जवानों के साथ मनाई। वह ग्लासगो से भारत लौटने के बाद आज राजौरी के नौशेरा पहुँचे। वहाँ उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाया और सेना को ही अपना परिवार बताया। सेना का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि जवान सीमा पर तैनात हैं इसलिए देश चैन की नींद सोता है। उन्हीं के कारण शांति है और सुरक्षा है। सेना के जवान माँ भारती का सुरक्षा कवच हैं। आज एक दिया जवानों की वीरता और शौर्य के लिए जलाया जाएगा।
Prime Minister Narendra Modi arrives in Nowshera, Jammu, to celebrate #Diwali with soldiers pic.twitter.com/Eob4aUkOBn
— ANI (@ANI) November 4, 2021
प्रधानमंत्री ने जवानों के सामने उनके ही गौरवशाली इतिहास को याद किया और याद दिलाया कि जब दुश्मनों ने नौशेरा की जमीन पर कदम रखा तो कैसे उन्हें मुँहतोड़ जवाब देकर खदेड़ा गया। पीएम मोदी ने सैनिकों को बताया कि अब देश आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ते हुए यहीं अत्याधुनिक हथियार तैयार कर रहा है। उन्होंने सेना में महिलाओं की भागीदारी पर भी खुशी जताई।
Prime Minister Shri @narendramodi celebrates #Diwali with army soldiers at Nowshera. pic.twitter.com/xRoGwfcJRy
— BJP (@BJP4India) November 4, 2021
उन्होंने गर्व से कहा कि भारत हजार साल पहले भी अमर था और हजार साल बाद तक अमर ही रहने वाला है। उन्होंने नौशेरा में जवानों से कहा कि इस ब्रिगेड ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान जो किरदार निभाया, उसने पूरे देश को गौरवान्वित किया।
पीएम ने बताया कि रक्षा बजट का करीब 65% खर्च देश के अंदर ही खरीद पर खर्च हो रहा है। आज देश के अंदर अर्जुन टैंक बन रहे हैं, तेजस जैसे एयरक्राफ्ट भी देश के अंदर बन रहे हैं। विजयदशमी के दिन 7 ‘डिफेंस कंपनियों’ को राष्ट्र को समर्पित किया गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने शांति भंग करने की काफी कोशिशें की गई लेकिन जवानों ने तब भी मुँहतोड़ जवाब दिया। नौशेरा में सैनिकों से मुलाकात के दौरान पीएम ने उन्हें मिठाई खिलाते हुए दिवाली की शुभकामनाएँ भी दीं और साथ ही साथ जोर जोर से भारत माता की जय के नारे भी लगे।
राजौरी क्यों है खास
बता दें कि पिछली कई बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा पर जवानों के साथ दिवाली मनाने का फैसला किया। लेकिन इस बार जगह राजौरी जिले का नौशेरा सेक्टर है जहाँ 1947 में पाकिस्तान की आड़ पाकर कबायलियों ने दिवाली के दिन ही सैंकड़ों (लगभग 30,000) लोगों (अधिकांश हिंदुओं और सिखों) को अपना निशाना बनाया था। मगर, तब वहाँ के स्थानीय लोगों और सेना ने इस हमले का बड़े साहस के साथ सामना किया और अंतत: 12 अप्रैल 1948 को ये क्षेत्र कबायलियों के कब्जे से वापस ले लिया गया। अब हर साल दिवाली पर उन सभी बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने उस लड़ाई में डटकर साहस का परिचय दिया। पीएम खुद 3 साल में दूसरी बार दिवाली पर राजौरी आए और सैनिकों के साथ दिवाली बनाई।
साल 2014 में पीएम मोदी ने लद्दाख में विश्व के सबसे ऊँचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन में दिवाली मनाई थी। इसके बाद उन्होंने 2017 में बांदीपोरा में दिवाली मनाई थी। 2019 में वह राजौरी गए और 2020 में वो राजस्थान के जैसलमेर गए। अब इस बार उनका राजौरी जाना वो भी ऐसे समय में जब पाकिस्तानी लगातार हमले कर रहे हैं और सुरक्षाबल उन्हें करारा जवाब देकर आतंकियों को ढेर कर रहे हैं, तो माना जा रहा है कि इस दौरे से पाकिस्तान को कड़ा संदेश मिलेगा कि भारत किसी भी हमले के लिए पूरी तरह तैयार है और सरकार का उन्हें पूरा समर्थन है।