कारगिल युद्ध के 25 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार (26 जुलाई, 2024) को कारगिल युद्ध स्मारक पहुँचे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहाँ युद्ध में बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और यहाँ तैनात सैनिकों से भी मिले।
पीएम नरेन्द्र मोदी गुरुवार सुबह ही लदाख के द्रास में स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पहुँचे। पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भी कारगिल वार मेमोरियल पहुँचे। पीएम मोदी यहाँ कई विकास कार्यों की भी आधारशिला रखेंगे।
पीएम मोदी ने यहाँ सैनिकों और देशवासियों को संबोधित करते हुए कह़ा, “कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं। दिन, महीने, वर्ष और सदियाँ गुजर जाती हैं, मौसम बदल जाते हैं लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नामा अमिट रहते हैं।”
पीएम मोदी ने यहाँ पाकिस्तान पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने अतीत में जितने प्रयास किए, उसमे सबमें उसको मुंह की खानी पड़ी है। लेकिन पाकिस्तान ने इनसे कुछ नहीं सीखा, वह क्षद्म युद्ध और आतंकवाद के जरिए अपने आपको प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहा है।”
#WATCH | Ladakh: PM Narendra Modi says, "Be it Ladakh or Jammu and Kashmir, India will defeat every challenge that comes in the way of development. In a few days, on August 5, it will be 5 years since Article 370 was abolished. Jammu and Kashmir is talking about a new future,… pic.twitter.com/Iss2H6B5XO
— ANI (@ANI) July 26, 2024
पीएम मोदी ने कहा, “मैं जहाँ से बोल रहा हूँ वहाँ से आतंक के आका मुझे सीधे सुन सकते हैं। मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूँ कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विकास को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि इन दोनों प्रदेश में विकास के सामने आने वाली हर चुनौती को भारत परास्त करके रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि दशकों बाद जम्मू कश्मीर में सिनेमाघर खुला है, साढ़े तीन दशक बाद ताजिया निकला है। धरती का स्वर्ग विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि 1999 में पाकिस्तान के घुसपैठियों ने कश्मीर के कारगिल और द्रास इलाके में कई जगहों पर कब्जा कर लिया था। घुसपैठिए कारगिल, सियाचीन और बाकी हिस्से का भारत से सम्पर्क काटने की जुगत लगा रहे थे। भारत ने इन घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय लॉन्च किया था।
सेना ने लगातार कई महीने चले ऑपरेशन में इन पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। जबरदस्त ठंड और पहाड़ी इलाके में चली इस लड़ाई के कारण बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक बलिदान हुए थे। उन्होंने सैकड़ों पाकिस्तानी घुसपैठियों और आतंकियों को मार गिराया था और अपनी जमीन पर वापस कब्जा कर लिया था। भारत को 26 जुलाई, 1999 को इस लड़ाई में निर्णायक जीत मिली थी। तब से ही इस दिन कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है