आज (जनवरी 15, 2019) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल का दौरा किया जहाँ उन्होंने 13 किलोमीटर लम्बे कोल्लम बाईपास के उद्घाटन के मौके पर अपने भाषण में अपने कार्यकाल की उपलब्धियाँ गिनाते हुए कई बातें कहीं। “जब हमने सरकार बनाई थी, उस समय केवल 56% गाँव सड़क से जुड़े थे। आज 90% से अधिक गाँव सड़क से जुड़े हुए हैं। मुझे यकीन है कि हम निश्चित रूप से जल्द ही 100% का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे”।
When we formed government, only 56% of rural habitations were connected by a road.
— PMO India (@PMOIndia) January 15, 2019
Today more than 90% of rural habitations are connected by a road.
I am sure that we will definitely achieve the target of 100% soon: PM
Addressing a programme to mark the inauguration of Kollam bypass. https://t.co/1B6tbnvAw7
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2019
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में विदेशी पर्यटकों द्वारा भारत में आने वाले विदेशी धन के बारे में बताते हुए कहा कि 2013 में यह आँकड़ा 18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि 2017 में यह बढ़कर 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। उन्होंने कहा कि 2013 में 70 लाख से बढ़कर 2017 में 1 करोड़ हो चुकी है विदेशी पर्यटकों की संख्या।
My government has worked hard in tourism sector.
— PMO India (@PMOIndia) January 15, 2019
India has been ranked at 3rd place in the new Power Ranking in the 2018 report of the World Travel & Tourism Council.
India’s ranking in the Travel & Tourism Competitive Index of the WEF moved from 65th to 40th rank: PM
मोदी ने अपने भाषण में बताया कि 2017 में भारत दुनिया में सबसे अधिक विकसित पर्यटन स्थलों में से एक था। “मेरी सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में कड़ी मेहनत की है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल की 2018 की रिपोर्ट में नई पावर रैंकिंग में भारत को तीसरे स्थान पर रखा गया है। WEF के ट्रैवल एंड टूरिज्म कॉम्पिटिटिव इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 65 वें से 40 वें रैंक पर पहुँच गई।”
My government has worked hard in tourism sector.
— PMO India (@PMOIndia) January 15, 2019
India has been ranked at 3rd place in the new Power Ranking in the 2018 report of the World Travel & Tourism Council.
India’s ranking in the Travel & Tourism Competitive Index of the WEF moved from 65th to 40th rank: PM
प्रधानमंत्री ने सड़कों की उपयोगिता पर कहा, “जब हम सड़कों और पुलों का निर्माण करते हैं, तो हम केवल शहरों और गाँवों को ही नहीं जोड़ते हैं, बल्कि हम आकांक्षाओं को उपलब्धियों से, आशाओं को अवसरों के साथ और आशा को ख़ुशी से जोड़ते है।”
हवाई और रेल परिवहन पर अपने सरकार की उपलब्धियों पर PM मोदी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में क्षेत्रीय हवाई संपर्क में भी काफी सुधार हुआ है। नई पटरियों के दोहरीकरण, विद्युतीकरण और उन्हें बिछाने की दर में बड़ा सुधार हुआ है। यह सब तेजी से रोज़गार सृजन की ओर बढ़ रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी जी कनेक्टिविटी की ताक़त में विश्वास करते थे और हम उनकी दूरदर्शिता को आगे ले जा रहे हैं। पिछली सरकार की तुलना में राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर ग्रामीण सड़कों तक के निर्माण की गति लगभग दोगुनी हो गई है।”
“हमने अक्सर देखा है कि विभिन्न कारणों से बुनियादी ढाँचा संबंधित परियोजनाएँ ठप हो जाती हैं। लागत और समय से अधिक देरी तक चलने वाली परियोजनाओं के कारण जनता का पैसा बर्बाद होता है। हमने तय किया कि सार्वजनिक धन की बर्बादी अब और नहीं। PRAGATI के माध्यम से हम परियोजनाओं में तेजी ला रहे हैं और समस्याओं का समाधान निकाला जा रहा है।”
“मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि कुछ परियोजनाओं में 20 से 30 साल तक की देरी होती है। आम आदमी को किसी परियोजना के लाभ से इतने लंबे समय तक वंचित रखना एक अपराध है। अब तक मैंने PRAGATI के तहत लगभग ₹12 लाख करोड़ की 250 से अधिक परियोजनाओं की समीक्षा की है।”
I was surprised to see that some projects are delayed by 20 to 30 years. It is a crime to deprive the common man of the benefits of a project for such a long time.
— PMO India (@PMOIndia) January 15, 2019
Till now, I have reviewed more than 250 projects worth approximately 12 lakh crore rupees under PRAGATI: PM
केरल राज्य के कोल्लम जिले के मेवाराम से काँवड़ तक बना यह कोल्लम बाईपास ₹352 करोड़ की लागत से बना है। 13 किलोमीटर लम्बे कोल्लम बाईपास के उद्घाटन के साथ, कोच्चि और अलाप्पुझा से राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर जाने वाले लोग कोल्लम शहर में प्रवेश किए बिना तिरुवनंतपुरम की ओर बढ़ सकते हैं। कोल्लम बाईपास परियोजना को 4 चरणों में संपन्न किया गया है और इसमें 1,540 मीटर की कुल लंबाई के साथ अष्टमुडी झील पर तीन प्रमुख पुल शामिल हैं। ये परियोजना 1972 में प्रस्तावित हुई थी, और अब जाकर पूरी हुई है।