प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार (मई 31, 2020) को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि देश में सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की जनसँख्या बाकी देशों से कई गुना ज्यादा होने के बावजूद यह संक्रामक रोग यहाँ उतनी तेज़ी से नहीं फ़ैल पाया। उन्होंने जानकारी दी कि अब श्रमिक और स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। बहुत कुछ खोला जा चुका है।
पीएम ने बताया कि अब देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खुल गया है- विमान सेवाएँ चालू हो गई हैं और उद्योग-धंधे वापस पटरी पर लौट रहे हैं। उन्होंने लोगों को घर में रहने, मास्क लगाने और दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करने की सलाह दी और कोरोना से सावधानी में कोई कोताही न बरतने को कहा। ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने याद दिलाया कि हमारे देश में कोरोना को लेकर मृत्यु दर भी काफ़ी कम है।
उन्होंने कहा कि जो भी नुकसान हुआ है, उसका दुःख सभी को है लेकिन जो भी बच गया है, वो लोगों की संकल्पशक्ति का ही परिणाम है। पीएम मोदी ने इस लड़ाई को ‘पीपल ड्रिवेन’ करार दिया। उन्होंने ‘सेवा परमो धर्मः’ की याद दिलाते हुए कहा कि देश में जिस तरह से लोगों ने सेवाभाव दिखाया है, उससे यह सिद्धांत मजबूत हुआ है कि सेवा ही सुख है और संतोष भी इसी में है। उन्होंने कोरोना वारियर्स की बात करते हुए कहा कि ऐसे लोगों की संख्या अनगिनत है।
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में महिला स्वयंसेवी संस्थाओं की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि गाँवों से लेकर शहरों तक में महिलाएँ मास्क बना रही हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने उन स्टार्ट-अप्स और लैब्स की भी तारीफ की, जो नए-नए तरीके इजाद कर के इस लड़ाई को मजबूरी दे रहे हैं। उन्होंने नासिक के राजेंद्र यादव का जिक्र किया, जिन्होंने अपने ट्रैक्टर से जोड़ कर सैनिटाइजिंग मशीन बना ली।
दुकानों में सामाजिक दूरी के पालन के लिए आजमाए जा रहे तौर-तरीकों की भी उन्होंने तारीफ की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में हो रही ऑनलाइन क्लास और वीडियो लेक्चर्स की बात करते हुए इसकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति के साथ-साथ हमें इनोवेशंस पर भी निर्भर रहना होता है, तभी हम कोई लड़ाई जीत पाते हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि अभी तक कोरोना का कोई इलाज नहीं आया है और न ही पूरी दुनिया में इससे लड़ने का कोई पुराना अनुभव है, इसीलिए भारत भी इससे अछूता नहीं है।
The fight against COVID-19 is also being powered by the innovative spirit of our citizens.
— PMO India (@PMOIndia) May 31, 2020
They are innovating in a wide range of sectors. #MannKiBaat pic.twitter.com/fbuuxIcDKk
उन्होंने कहा कि ऐसा शायद ही कोई वर्ग हो, जिस पर तकलीफों की मार न पड़ी हो लेकिन गरीबों और मजदूरों पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी है, जिनका दुःख बाँटने की हमें कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने रेलवे के कर्मचारियों की प्रशंसा की, जिन्होंने श्रमिकों को घर ले जाने से लेकर क्वारंटाइन फैसिलिटी तक में अपना योगदान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी देश को जो भी अनुभव होगा, भविष्य में उससे सीखने का मौक़ा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ पर्यावरण के लिए पेड़ लगाने की सलाह दी। फिर उन्होंने जल-चक्र समझाते हुए पानी बचाने की भी सलाह दी। उन्होंने ‘पर्यावरण दिवस’ पर लॉकडाउन के कारण सड़क पर जानवरों के विचरण करने और वायु प्रदूषण कम होने की ख़बर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमें इन दृश्यों को यथावत बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अम्फान तूफ़ान की चर्चा करते हुए इससे निपटने के लिए हुए प्रयासों के बारे में बताया।
There is a link between respiratory problems and COVID-19.
— PMO India (@PMOIndia) May 31, 2020
Hence, this Yoga Day, try to work on breathing exercises. #MannKiBaat pic.twitter.com/ZJt8JvXk0e
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के दौरान लोगों को योग व प्राणायाम करने की सलाह दी, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि इसके लिए आयुष मंत्रालय वीडियो ब्लॉग भी शुरू कर रहा है। ‘माय लाइफ, माय योगा’ के तहत कोई भी इसमें हिस्सा ले सकता है। पीएम मोदी ने बताया कि वो विश्व के किसी भी नेता से बात करते हैं तो उनकी दिलचस्पी सबसे ज्यादा योग और आयुर्वेद में होती है। उन्होंने योग इम्युनिटी, कम्युनिटी और यूनिटी- तीनों के लिए अच्छा है।