केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच चक्रवात ‘यास’ की समीक्षा बैठक के दौरान शुरू हुए विवाद के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए जिनका केंद्र सरकार के सूत्रों ने तथ्यों के साथ जवाब दिया है।
ममता बनर्जी का आरोप : पीएम मोदी के कार्यक्रम और मीटिंग की जानकारी देर से मिली।
केंद्र का जवाब : सीएम ममता बनर्जी के बयान पर केंद्र सरकार के सूत्रों ने जवाब दिया है कि बैठक चक्रवात के बाद हुई तबाही की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी इसलिए तूफान आने के पहले ही इस मीटिंग का आयोजन संभव नहीं था। हालाँकि, ओडिशा को भी इसी तरह मीटिंग की सूचना दी गई थी लेकिन ओडिशा ने बेहतर तरीके से सामंजस्य स्थापित किया।
ममता का बयान : पहले से तय थे उनके कार्यक्रम।
केंद्र का जवाब : केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी को जब इस मीटिंग की जानकारी दी गई तब वह मीटिंग में शामिल होने के लिए राजी थीं लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि मीटिंग में उन्हें नंदीग्राम से हराने वाले शुभेन्दु अधिकारी शामिल होंगे तब ही उन्होंने मीटिंग में शामिल न होने का फैसला किया।
ममता का बयान : पीएम मोदी का इंतजार उन्होंने किया।
केंद्र का जवाब : पीएम मोदी ने कलईकुंडा में 1:59 बजे दोपहर लैंड किया जबकि ममता बनर्जी 2:10 बजे दोपहर पर वहाँ पहुँची। इससे पता चलता है कि ममता बनर्जी ने नहीं बल्कि पीएम मोदी ने उनका इंतजार किया। हालाँकि महुआ मोइत्रा के ट्वीट ने ममता बनर्जी की ही पोल खोल दी। अपने ट्वीट में टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने लिखा है, “थोड़ा आप भी वेट कर लीजिए कभी-कभी।“
So much fuss over an alleged 30 min wait?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) May 28, 2021
Indians waiting 7 years for ₹15 lakhs
Waiting hours at ATM queues
Waiting months for vaccines due
Thoda aap bhi wait kar lijiye kabhi kabhi…
ममता का बयान : पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की लैंडिंग के पहले उन्हें 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा।
केंद्र का जवाब : केंद्र सरकार के सूत्रों के बताया कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें पीएम से पहले पहुँचना चाहिए और ऐसा हमेशा से होता आया है। इसके अलावा एक मुख्यमंत्री से यह उम्मीद की जाती है कि वह पीएम के सुरक्षा प्रोटोकॉल्स को बेहतर तरीके से जानते हैं।
ममता का बयान : मुख्य सचिव को लेकर केंद्र सरकार का आदेश असंवैधानिक और गैर-कानूनी है।
केंद्र का बयान : इस पूरे मामले में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव ऑल इंडिया सर्विसेस के अंतर्गत आते हैं लेकिन पीएम की समीक्षा मीटिंग के दौरान उन्होंने अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन नहीं किया। पीएम मोदी को कोई प्रेजेंटेशन भी नहीं दी गई। एक ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारी से यह उम्मीद की जाती है कि वह राजनीति का हिस्सा न बनकर अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करेगा।
ममता का बयान : भारत सरकार ने ही मुख्य सचिव का कार्यकाल तीन महीने बढ़ाया।
केंद्र का बयान : सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने ही राज्य के साथ सामंजस्य बैठाते हुए मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाया था। यह बताता है कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार के साथ मिलकर ही काम किया।
ममता का बयान : बैठक में एक विधायक को शामिल किया गया।
केंद्र का बयान : केंद्र सरकार के सूत्रों ने जवाब देते हुए कहा कि शुभेन्दु अधिकारी मुख्य विपक्षी नेता हैं और उनके क्षेत्र में भी चक्रवात का असर हुआ है। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि कई गैर-भाजपा शासित राज्यों में भी ऐसी बैठकों में दूसरे दलों के नेता भी उपस्थित रहे हैं।
ममता का बयान : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा इस मामले में पीएम मोदी के सहयोगी अधिकारी को सूचना दे दी गई थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
केंद्र का जवाब : केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से कोई भी आपत्ति नहीं जताई गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुभेन्दु अधिकारी के मीटिंग में शामिल होने के कारण मीटिंग छोड़ने का फैसला किया।
ममता का बयान : पीएम मोदी की अनुमति के बाद ही बैठक से चली गई थीं ममता बनर्जी।
केंद्र का जवाब : सूत्रों की ओर से यह स्पष्ट कहा गया कि ऐसी कोई भी अनुमति नहीं दी गई।
पश्चिम बंगाल में आए ‘यास’ चक्रवात के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को चक्रवात की समीक्षा के लिए जो मीटिंग की थी वहाँ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय देर से पहुँचे थे और वापस चले भी गए थे। इसके बाद से ही पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। यह पूरा मुद्दा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय पर सीमित हो गया था जिन्हें केंद्र सरकार ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय बुला लिया था। हालाँकि अलपन बंद्योपाध्याय ने रिटायरमेंट ले लिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार बन गए।